अगर आप अपनी पुरानी कार बेचने का सोच रहे हैं, तो सबसे पहले यही सवाल आता है कि मेरी कार की सही कीमत क्या होगी? कई लोग जल्दी में या पूरी जानकारी के बिना कार बेच देते हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो जाता है। ऑटो मार्केट एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर आप थोड़ा सा होमवर्क कर लें और सही जानकारी जुटा लें, तो अपनी कार को अच्छे दाम में बेचा जा सकता है।
पुरानी कार की कीमत कैसे तय होती है?
ऑटो एक्सपर्ट्स बताते हैं कि किसी भी सेकेंड हैंड कार की कीमत कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है। सबसे पहला फैक्टर है कार की उम्र। आमतौर पर नई कार खरीदते ही उसकी कीमत 15-20 फीसदी तक गिर जाती है और हर साल 10-12 फीसदी तक डेप्रिसिएशन होता है। जबकि, दूसरा अहम फैक्टर है कितनी किलोमीटर चली है कार। कम चली कार की कीमत ज्यादा मिलती है, जबकि ज्यादा माइलेज वाली कार की वैल्यू कम हो जाती है। इसके अलावा कार का ब्रांड और मॉडल भी बड़ी भूमिका निभाता है। मारुति, टोयोटा और होंडा जैसे ब्रांड्स की रीसेल वैल्यू आमतौर पर बेहतर रहती है।
ऑनलाइन टूल्स से जानें अनुमानित कीमत
आजकल कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Cars24, Spinny, OLX Autos और CarDekho सेकेंड हैंड कार की अनुमानित कीमत बताते हैं। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि एक ही प्लेटफॉर्म पर भरोसा करने के बजाय कम से कम 2-3 वेबसाइट्स पर अपनी कार की डिटेल डालकर रेट जरूर चेक करें। इससे आपको मार्केट की सही रेंज का अंदाजा हो जाएगा।
कार की कंडीशन सबसे अहम
कार की बॉडी, इंजन, टायर और इंटीरियर की हालत सीधा कीमत पर असर डालती है। अगर कार में बड़े डेंट, स्क्रैच या मैकेनिकल प्रॉब्लम है, तो कीमत कम हो सकती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कार बेचने से पहले छोटी-मोटी सर्विस या पॉलिश करवा लेना फायदेमंद रहता है, क्योंकि इससे गाड़ी पहली नजर में बेहतर लगती है।
डॉक्यूमेंट्स पूरे रखें
पुरानी कार बेचते समय RC, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और सर्विस रिकॉर्ड का पूरा होना बेहद जरूरी है। अगर ये डॉक्यूमेंट्स अपडेट हैं, तो खरीदार ज्यादा भरोसा करता है और बेहतर दाम देने को तैयार होता है।
सही समय और सही जगह चुनें
फेस्टिव सीजन या साल के अंत में सेकेंड हैंड कारों की डिमांड बढ़ जाती है, जिससे अच्छी कीमत मिल सकती है। इसके अलावा, अगर आप सीधे किसी डीलर को बेचने के बजाय डायरेक्ट कस्टमर से डील करते हैं, तो बीच का कमीशन बच सकता है।



































