Friday, March 29, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. RBI के पास कितना हो आरक्षित कोष इस पर जालान समिति ने की पहली बैठक, अप्रैल में सौंपी जा सकती है रिपोर्ट

RBI के पास कितना हो आरक्षित कोष इस पर जालान समिति ने की पहली बैठक, अप्रैल में सौंपी जा सकती है रिपोर्ट

यह उच्चस्तरीय समिति दुनियाभर में केंद्रीय बैंकों द्वारा अपनाए जाने वाले व्यवहारों की समीक्षा कर अपना आकलन पेश करेगी

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 08, 2019 20:19 IST
bimal jalan - India TV Paisa
Photo:BIMAL JALAN

bimal jalan

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति की पहली बैठक मंगलवार को हुई। समिति रिजर्व बैंक के पास रखे जाने वाले आरक्षित कोष के उचित आकार और सरकार को दिए जाने वाले लाभांश के बारे में अपनी सिफारिश देगी। 

सूत्रों ने बताया कि छह सदस्यों वाली यह समिति संभवत: अप्रैल में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। यह उच्चस्तरीय समिति दुनियाभर में केंद्रीय बैंकों द्वारा अपनाए जाने वाले व्यवहारों की समीक्षा कर अपना आकलन पेश करेगी और केंद्रीय बैंक के बहीखातों के समक्ष आने वाले जोखिम के प्रावधानों पर अपने सुझाव देगी। 

पूर्व आर्थिक मामलात विभाग के सचिव राकेश मोहन को समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है। समिति हर संभव परिस्थितियों में रिजर्व बैंक के मुनाफे के उचित वितरण की नीति का भी प्रस्ताव करेगी। इसमें जरूरत से ज्यादा प्रावधान रखे जाने की स्थिति पर भी गौर किया जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक रिजर्व बैंक के पास 9.6 लाख करोड़ रुपए की अधिशेष पूंजी को लेकर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल और सरकार के बीच गहरे मतभेद पैदा हो गए थे। वित्त मंत्रालय की दलील थी कि यह राशि रिजर्व बैंक की कुल परिसंपत्ति के 28 प्रतिशत के बराबर है, जबकि वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों के पास ऐसी अतिरिक्त पूंजी के लिए 14 प्रतिशत का स्तर पर्याप्‍त माना जाता है। 

इसके बाद रिजर्व बैंक की 19 नवंबर 2018 को हुई बैठक में रिजर्व बैंक की आर्थिक पूंजी के निमयमों की जांच परख कर उस पर सुझाव देने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया गया। इस समिति में बिमल जालान अध्यक्ष, राकेश मोहन उपाध्यक्ष के अलावा आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग और रिजर्व बैंक केन्द्रीय निदेशक मंडल के दो सदस्यों भारत दोषी और सुधीर मांकड़ शामिल हैं। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन समिति के छठे सदस्य हैं। 

इससे पहले भी तीन समितियां इस मुद्दे की जांच परख कर चुकीं हैं और अपनी सिफारिशें दे चुकीं हैं। वर्ष 1997 में गठित सुब्रमणियम समिति ने अपनी सिफारिश में कहा था कि आपात आरक्षित कोष 12 प्रतिशत तक रखा जाना चाहिये। इसके बाद 2004 में बनी उषा थोराट समिति ने आरक्षित कोष को 18 प्रतिशत पर रखने की सिफारिश की। 

रिजर्व बैंक निदेशक मंडल ने थोरट समिति की सिफारिशों को नहीं माना और सुब्रमणियम समिति की सिफारिशों को अपनाने का फैसला किया। वहीं 2013 में गठित मालेगाम समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि मुनाफे में से पर्याप्त राशि हर साल आपात कोष में हस्तांतरित की जानी चाहिए।  

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement