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Jio ने क्‍वालकॉम के साथ मिलकर किया 5G तकनीक का सफल परीक्षण, हासिल की 1Gbps की स्‍पीड

क्वालकॉम के बयान के अनुसार क्वालकॉम टेक्नोलॉजीज और रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म अपनी पूर्ण अनुषंगी रेडिसिस के साथ मिलकर 5जी तकनीक पर काम कर रही हैं, ताकि भारत में इसे जल्द पेश किया जा सके।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : October 21, 2020 8:28 IST
 Jio Platforms, Qualcomm successfully test 5G solutions, clock over 1 Gbps speed in trials- India TV Paisa
Photo:INDIA TV NEWS

 Jio Platforms, Qualcomm successfully test 5G solutions, clock over 1 Gbps speed in trials

नई दिल्‍ली। रिलायंस जियो और अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनी क्वालकॉम ने मंगलवार को कहा कि वे भारत में स्वदेशी 5जी नेटवर्क ढांचागत सुविधा और सेवाओं के तेजी से विकास तथा क्रियान्वयन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। रिलायंस जियो के प्रेसिडेंट मैथ्यू ओमान ने कहा कि क्वालकॉम की प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए जियो ने देश में 5जी रैन (रेडियो एक्सेस नेटवर्क) विकसित किया है। इसका अमेरिका में पहले ही परीक्षण किया जा चुका है और वह सफल रहा है। क्वालकॉम के 5जी सम्मेलन में ओमान ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी है कि क्वालकॉम की प्रौद्योगिकी और मदद से जियो ने 5जी रैन उत्पाद विकसित किया है। इसमें एक जीबीपीएस की गति प्राप्त की गई।

रिलायंस जियो का यह कदम मायने रखता है। फिलहाल अमेरिका, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और जर्मनी जैसे कुछ ही देश 5जी ग्राहकों के लिए एक जीबपीएस की गति उपलब्ध कराने में सक्षम है। क्वालकॉम के बयान के अनुसार क्वालकॉम टेक्नोलॉजीज और रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म अपनी पूर्ण अनुषंगी रेडिसिस के साथ मिलकर 5जी तकनीक पर काम कर रही हैं, ताकि भारत में इसे जल्द पेश किया जा सके। इस साल की शुरुआत में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने घोषणा की थी कि क्वालकॉम वेंचर्स, जियो प्लेटफॉर्म में 730 करोड़ रुपए निवेश के साथ 0.15 प्रतिशत हिस्सेदारी हसिल करेगी। सौदे के तहत कंपनी ने हाल ही में राशि प्राप्त कर इक्विटी शेयर आबंटित किया है।

स्वीडन ने 5जी के लिए हुवावे, जेडटीई पर लगाया प्रतिबंध

स्वीडन ने चीन को देश के सबसे बड़े खतरों में से एक बताते हुए 5जी प्रौद्योगिकी के लिए चीनी कंपनी हुवावे एवं जेडटीई के नेटवर्क-उपकरणों के इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। देश के दूरसंचार नियामक ने मंगलवार को कहा कि 5जी प्रौद्योगिकी के लिए होने वाली स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लेने वाली चार दूरसंचार कंपनियां किसी भी तरह से हुवावे और जेडटीई के उत्पाद उपयोग नहीं कर सकेंगी।

स्वीडिश पोस्ट एंड टेलीकॉम अथॉरिटी ने कहा कि जो दूरसंचार कंपनियां 5जी प्रौद्योगिकी के लिए अपने मौजूदा ढांचे का उपयोग करना चाहती हैं उन्हें भी सुनिश्चित करना होगा कि वह हुवावे और जेडटीई के पहले से लगे उपकरणों को हटा लें। नियामक ने कहा कि ये शर्तें स्वीडन की सेना और सुरक्षा सेवाओं द्वारा की गई समीक्षा के आधार पर तय की गई हैं। हुवावे ने इसे अचंभित करने वाला और निराशाजनक  बताया। हुवावे को प्रतिबंधित करने वाले देशों में स्वीडन शामिल होने वाला सबसे नया देश है। उसके इस निर्णय से चीन की सरकार और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है।

अमेरिकी अधिकारियों ने हुवावे को प्रतिबंधित करने के लिए यूरोप में बड़े पैमाने पर पैरवी की है। स्वीडन के इस प्रतिबंध से घरेलू कंपनी एरिक्सन और फिनलैंड की नोकिया के सामने ज्यादा अवसर मौजूद होंगे। दोनों ही नेटवर्क उपकरण क्षेत्र में हुवावे की प्रतिद्वंदी कंपनियां हैं। स्वीडन की घरेलू सुरक्षा सेवा के प्रमुख क्लास फ्रिबर्ग ने चीन को स्वीडन के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि चीन खुद के आर्थिक विकास को बढ़ानेऔर सैन्य क्षमताएं विकसित करने के लिए साइबर जासूसी करा रहा है।

 

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