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भगोड़े विजय माल्या को लगा झटका! कोर्ट ने जब्त संपत्ति बेचकर बैंकों को ऋण वसूली की दी अनुमति

मुंबई की एक विशेष अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले 15 बैंकों के गठजोड़ को उनके ऋण की वसूली के लिए पूर्व शराब कारोबारी विजय माल्या की संपत्तियों का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। 

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Published on: January 02, 2020 12:50 IST
Vijay Mallya, Prevention of Money Laundering Act, PMLA, Seized assets, Court- India TV Paisa

कोर्ट ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की जब्त संपत्ति को बेचकर ऋण वसूली की दी अनुमति । File Photo

मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले 15 बैंकों के गठजोड़ को उनके ऋण की वसूली के लिए पूर्व शराब कारोबारी विजय माल्या की संपत्तियों का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। जिससे हजारों करोड़ रुपए ऋण लेकर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को तगड़ा झटका लगा। धन शोधन मामलों में मुंबई की एक विशेष अदालत ने एसबीआई की अगुवाई वाले समूह को माल्या की जब्त की गई संपत्तियों को नीलामी करने की अनुमति दे दी है। 

इन संपत्तियों को विशेष धन शोधन रोधक कानून (पीएमएलए) अदालत ने 2016 में कुर्क किया था। उस समय माल्या को प्रकट रूप से अपराधी भी घोषित किया गया था। इन संपत्तियों में यूनाइटेड बेवरेजेज होल्डिंग्स लिमिटेड (यूबीएचएल) के शेयर भी शामिल हैं। आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत कोई अदालत उस समय चल संपत्तियों की कुर्की का आदेश देती है जबकि संबंधित व्यक्ति को अपराधी घोषित कर दिया जाता है। यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ वॉरंट जारी किया गया है और अदालत को लगता है कि संबंधित व्यक्ति जानबूझकर उस पर अमल नहीं कर रहा है तो उसे घोषित अपराधी घोषित कर दिया जाता है। 

आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित हो चुका है माल्या

विजय माल्या पर विभिन्न बैंकों का करीब ग्यारह हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण है और वह देश से आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित किया जा चुका है। धन शोधन रोधी कानून (पीएमएलएल) अदालत ने माल्या की संपत्ति बेचने के निर्णय पर 18 जनवरी तक की रोक लगाई है। यह रोक संबंधित पक्षों को बॉम्बे उच्च न्यायालय में अपील दायर करने के लिए दिए गए वक्त के लिहाज से लगाई गई है। माल्या पर सबसे अधिक ऋण भारतीय स्टेट बैंक का है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत से कहा था कि उसे इस वसूली से कोई आपत्ति नहीं है। कारोबारी के अधिवक्ताओं की आपत्ति थी कि यह केवल ऋण वसूली न्यायाधिकरण ही तय सकता है।

लंदन में इस माह आ सकता है निर्णय

बैंकों के लगभग नौ हजार करोड़ रुपए का कर्ज नहीं उतारने, जालसाजी और धन शोधन मामले में माल्या वर्तमान में ब्रिटेन में मुकदमे का सामना कर रहा है। माल्या के मामले में लंदन की अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा हुआ है और इस माह निर्णय आने की उम्मीद जताई जा रही है।

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