नई दिल्ली। 25 फरवरी को पेश होने जा रहे रेल बजट में रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेलवे की क्षमता विस्तार से जुड़ी योजनाओं पर भारी खर्च की घोषणा कर सकते हैं। लेकिन नई ट्रेन शुरू होने की उम्मीद लगाए लोगों को मायूसी हो सकती है। संभव है कि पिछले बजट की तरह ही इस बार भी रेल मंत्री नई ट्रेनों की घोषणा न करें। रेलवे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक रेल मंत्री बजट में करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए की योजनाओं को हरी झंडी दिखा सकते हैं। इसमें रेल मंत्री का मुख्य फोकस यात्री सुविधाओं के विस्तार, इलेक्ट्रिफिकेशन, ट्रैक की डबलिंग जैसी अहम बातों पर रह सकता है। इसके साथ ही रेल मंत्री प्रमुख स्टेशनों पर ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए रेलवे यार्ड के मॉर्डनाइजेशन की भी घोषणा कर सकते हैं।
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नई ट्रेनों की नहीं होगी घोषणा
सूत्रों के मुताबिक लगातार दूसरे साल संभव है कि रेल मंत्री नई ट्रेनों की घोषणा नहीं करें। हालांकि रेल मंत्री बजट में प्रीमियम हाईस्पीडी पार्सल ट्रेन शुरू करने की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि अपनी आय बढ़ाने के लिए कुछ स्पेशल ट्रेनों की घोषणा हो सकती है। इसके अलावा मुंबई में एसी लोकल ट्रेन शुरू करने की घोषणा भी हो सकती है। इसका किराया भी सामान्य लोकल ट्रेन के मुकाबले ज्यादा होगा। रेलवे ने इस साल के लिए 141416.05 करोड़ की आय का लक्ष्य तय किया था। जिसके मुकाबले उसकी आय 136079.26 करोड़ ही रही।
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आय के बाहरी स्रोतों पर होगी निर्भरता
रेलवे की सूरत बदलने के लिए रेलवे को भारी खर्च की जरूरत है। लेकिन इस भारी खर्च के इंतजाम के लिए रेल मंत्री को एक्सटर्नल बजटरी रिसोर्सेस (ईबीआर) पर निर्भर रहना होगा। क्योंकि वित्त मंत्रालय की ओर से मिलने वाली बजटीय सहायता रेलवे की आवश्यकताओं के मुकाबले काफी कम है। ऐसे में रेल बजट में इसके लिए रेल मंत्री पैसे जुटाने से जुड़े प्लान को भी 2016-17 के रेल बजट में पेश कर सकते हैं। ऐसे में रेलवे सिर्फ उन्हीं प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएगी जो वित्तीय रूप से भी व्यवहारिक होंगे। सूत्रों के मुताबिक ऐसे प्रोजेक्ट जो कि आम लोगों की भलाई के लिए जरूरी हैं, उनके लिए रेलवे राज्य सरकारों के साथ जॉइंट वेंचर करेगी। इसके लिए रेल मंत्री ने महाराष्ट्र, ओडिशा, केरल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे 18 राज्यों को जॉइंट वेंचर के लिए चिठ्ठी भी लिखी है।



































