नयी दिल्ली: संसद ने बैंक में खाता खोलने और मोबाइल फोन का सिम लेने के लिये ‘आधार’ को स्वैच्छिक बनाने संबंधी ‘आधार और अन्य विधियां (संशोधन) विधेयक 2019’ को सोमवार को मंजूरी प्रदान कर दी। राज्यसभा ने चर्चा के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा में यह विधेयक पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को ही पारित किया जा चुका है। उच्च सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आधार में संरक्षित डाटा को पूरी तरह से सुरक्षित बताया। उन्होंने कांग्रेस सहित अन्य सदस्योंद्वारा डाटा सुरक्षा कानून बनाने की मांग पर आश्वासन दिया कि सरकार जल्द ही ‘डाटा संरक्षण विधेयक’ पेश करेगी। इसकी प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है।
प्रसाद ने इस विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा डाटा सुरक्षा को लेकर उठाये गये सवालों के जवाब में कहा, ‘‘पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने ‘आधार’ को कानूनी आधार दिये बिना ही लागू कर दिया था इसलिये यह ‘‘निराधार’’ था। इसे हमने कानूनी आधार प्रदान किया है।’’ उन्होंने कहा कि यह विधेयक उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में पेश किया गया है। आधार पर देश की करोड़ों जनता ने भरोसा किया है।
उन्होंने कहा कि इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी के पास आधार नहीं होने की स्थिति में उसे राशन जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। इस बारे में कोई सूचना जाहिर करने के लिये धारक से अनुमति प्राप्त करनी होगी। प्रसाद ने कहा कि देश में 123 करोड़ आधार धारक हैं और इनसे जुड़ी किसी जानकारी को निजी कंपनियों या किसी अन्य पक्ष को लीक या जारी नहीं किया जा सकता है।