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'सभी वस्तुओं को GST के दायरे में लाने का सही समय', अब Aadhaar से भी हो सकेगा कंपनियों का रजिस्ट्रेशन

उद्योग जगत ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी परिषद के लिये अप्रत्यक्ष कर का दायरा बढ़ाने और सभी क्षेत्रों को इसके अंतर्गत लाने तथा कर स्लैब को युक्तिसंगत बनाने का सही समय है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : June 22, 2019 12:25 IST
India Inc says Right time to expand GST coverage to all sectors, converge tax slabs- India TV Paisa

India Inc says Right time to expand GST coverage to all sectors, converge tax slabs

नयी दिल्ली। उद्योग जगत ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी परिषद के लिये अप्रत्यक्ष कर का दायरा बढ़ाने और सभी क्षेत्रों को इसके अंतर्गत लाने तथा कर स्लैब को युक्तिसंगत बनाने का सही समय है। पेट्रोलियम उत्पाद, बिजली और मानवीय खपत के लिये अल्कोहल जैसी कुछ चीजें माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर हैं। 

ये भी पढ़ें : GST Council : मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण का कार्यकाल दो साल बढ़ाया, जानिए इन 8 बड़े फैसलों के बारे में 

उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि संबंधित संस्थागत प्रणाली आने के साथ जीएसटी परिषद के लिये सभी क्षेत्रों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने तथा कर स्लैब को बेहतर बनाने का उपयुक्त समय है। जीएसटी परिषद ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण (एनएए) का कार्यकाल दो साल के लिए नवंबर, 2021 तक बढ़ा दिया है। 

अब Aadhaar के जरिए भी हो सकेगा कंपनियों का रजिस्ट्रेशन

जीएसटी परिषद की बैठक में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकरण के लिए कंपनियों को आधार नंबर के इस्तेमाल की व्यवस्था का फैसला किया गया है। इसके साथ ही परिषद ने जीएसटी पंजीकरण हासिल करने के लिए आधार के प्रमाण के रूप में इस्तेमाल और दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं देने वाली कंपनियों पर 10 प्रतिशत तक जुर्माना लगाने की भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा परिषद ने बिजली चालित वाहनों और उनके चार्जरों पर जीएसटी दर में कटौती का मामला अधिकारियों की एक समिति को भेजा गया है। फिक्की ने कहा कि सरकार ने जीएसटी नियमों के सरलीकरण और दरों को युक्तिसंगत बनाने समेत माल एवं सेवा कर के दायरे में और वस्तुओं को लाने के संदर्भ में जो विचार रखे हैं, वह वास्तव में सही दिशा में कदम है। इससे जीएसटी के अंतर्गत सरलीकरण और स्थिरता का रास्ता साफ होगा। बनर्जी ने यह भी कहा कि जीएसटी परिषद ई-इनवॉयस पेश करने के निर्णय से कर भुगतान में दक्षता आएगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सालाना रिटर्न भरने की समयसीमा बढ़ाये जाना सही कदम है। 

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जीएसटी परिषद की बैठक के कुछ अहम फैसले​

  • जीएसटी परिषद ने जीएसटी मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण का कार्यकाल दो साल बढ़ाने का निर्णय लिया।
  • जीएसटी रिटर्न दायर करने की नयी प्रणाली एक जनवरी 2020 से।
  • जीएसटी परिषद ने इलेक्ट्रानिक इनवॉयस प्रणाली, मल्टीप्लेक्स में ई-टिकट की सुविधा लागू करने को मंजूरी दी।
  • जीएसटी परिषद ने बिजली चालित वाहनों पर जीएसटी की दर को 12 से घटाकर पांच प्रतिशत किया।
  • इलेक्ट्रिक चार्जर पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव फिटमेंट समिति को भेजा।

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