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नोटबंदी से डिजिटल भुगतान को मिला प्रोत्साहन, Aadhaar KYC ने कराया इजाफा: RBI

नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन मिला और आधार कार्ड से इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) किए जाने से इसमें काफी वृद्धि हुई।

Edited by: India TV Business Desk
Published : June 09, 2019 11:13 IST
Demonetisation Aadhaar spurred digital payments growth Says RBI Report - India TV Paisa

Demonetisation Aadhaar spurred digital payments growth Says RBI Report 

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन मिला और आधार कार्ड से इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) किए जाने से इसमें काफी वृद्धि हुई। यह बात भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट में कही गई है। भुगतानकर्ता और भुगतान प्राप्तकर्ता द्वारा डिजिटल मोड से धन भेजने या प्राप्त किए जाने से होने वाले हस्तांतरण को डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक भुगतान कहा जाता है। 

आरबीआई की रिपोर्ट 'बेंचमार्किं ग इंडियाज पेमेंट सिस्टम्स' में कहा गया है कि पिछले चार साल में भारत में खुदरा इलेक्ट्रॉनिक भुगतान में 50 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) में जबरदस्त वृद्धि के कारण मुख्य रूप से 2018-19 में इसमें इजाफा हुआ है। 

केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में स्मार्टफोन में आई क्रांति से डिजिटल भुगतान के विकल्पों में जबरदस्त वृद्धि हुई। रिपोर्ट के अनुसार, नोटबंदी के बाद ई-मनी में व्यापक पैमाने तेजी आई। ई-मनी, यूपीआई, आधार पेमेंट्स ब्रिज सिस्टम (एपीबीएस), रुपे और भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस) व अन्य के इस्तेमाल ज्यादा होने से डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में बदलाव आया।

ये भी पढ़ें : RBI Report में अहम खुलासा: पिछले 2 साल में घटे इतने ATM, नकदी की निकासी भारत में सबसे कम

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017 में भारत में ई-मनी के जरिए 345.9 करोड़ हस्तांतरण हुए। इस मामले में भारत सिर्फ जापान और अमेरिका से पीछे रहा। हालांकि चीन का इस संबंध में आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। अध्ययन में यह भी उजागर हुआ कि भारत में साल दर साल डेबिट और क्रेडिट कार्ड में भी काफी वृद्धि हुई। वर्ष 2012 के आखिर में देश में जहां 33.16 करोड़ डेबिट कार्ड और 195.5 लाख क्रेडिट कार्ड थे, वहीं ये दोनों 2017 के अंत में बढ़कर क्रमश: 86.17 करोड़ और 374.9 लाख हो गए। वहीं, 31 मार्च 2019 तक 92.5 करोड़ डेबिट कार्ड और 4.7 करोड़ क्रेडिट कार्ड जारी किए गए। 

'रोजगार, अर्थव्यवस्था की चिंता में उपभोक्ताओं का भरोसा कम हुआ' 

मुंबई। रोजगार, कीमतों के स्तर तथा अर्थव्यवस्था को लेकर धारणा में कमी आने से मई 2019 में उपभोक्ताओं का भरोसा कम हुआ है। रिजर्व बैंक के एक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गयी है। उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण के अनुसार, मार्च 2019 में उपभोक्ता भरोसा सूचकांक 104.60 पर पहुंच गया था जो गिरकर 97.30 पर आ गया। इससे पता चलता है कि भारतीय लोग रोजगार एवं कीमतों के स्तर को लेकर निराश हो रहे हैं।

रिजर्व बैंक ने कहा कि भरोसे में कमी का मुख्य कारण आर्थिक स्थिति तथा रोजगार को लेकर धारणा खराब होना है। यह सर्वेक्षण देश के 13 मुख्य शहरों में किया जाता है। एक साल बाद के भरोसे को लेकर सूचकांक मार्च में 133.40 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था। मई में यह भी गिरकर 128.40 पर आ गया। 

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