नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की। ये योजना करीब 100 लाख करोड़ रुपये की है, इस योजना के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर इस हिसाब से तैयार किये जायेंगे जिससे लोगों और उद्योगों को तेज गति की कनेक्टिविटी मिले और लॉजिस्टिक्स की लागत घटाई जा सके। देश में कई उद्योगों की कुल लागत का बड़ा हिस्सा माल को लाने ले जाने पर खर्च होता है। सरकार इस खर्च को घटाना चाहती है जिससे उत्पादों की लागत कम हो और वो दुनिया भर में प्रतिस्पर्धी मूल्य पर उतारे जा सकें।
क्या है पीएम गति शक्ति नेशनल प्लान
पीएम गति शक्ति प्लान देश भर में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की एक खास योजना है जिसमें 16 मंत्रालयों को एक साथ लाया गया है जिससे ज्यादा प्रभावी प्रोजेक्ट प्लान किये जा सकें और उन्हें समय के साथ पूरा किया जाये। इस योजना के तहत प्रोजेक्ट का मॉनिटरिंग भी की जायेगी वही किसी भी प्रोजेक्ट को इस तरह तैयार किया जायेगा कि उसका फायदा बिजनेस से लेकर समाज के सभी वर्गों को मिले। प्रोजेक्ट की मदद से सामान को लाने ले जाने की लागत को कम करने पर खास जोर है। लॉन्च के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉजिस्टिक लागत देश की जीडीपी का 13 प्रतिशत तक है, जिससे निर्यात पर असर पड़ रहा है। योजना इसी के समाधान पर केन्द्रित है। इसके साथ योजना की मदद से युवाओं के लिये रोजगार के अवसर बढ़ाने पर भी जोर रहेगा।
गति शक्ति नेशनल प्लान का क्या मिलेगा फायदा
- गतिशक्ति योजना के द्वारा देश में UDAN के तहत रीजनल कनेक्टिविटी में तेजी आएगी. साल 2024-25 तक एयरपोर्ट/हेलीपोर्ट/वाटरएयरोड्रम्स की संख्या बढ़कर 220 हो जाएगी। इसमें 109 नए एयरपोर्ट होंगे। योजना के तहत देश में मौजूद 51 एयरस्ट्रिप के विकास का काम, 18 नए प्रोजेक्ट, 12 वाटर एयरोड्रम और 28 हेलीपोर्ट का निर्माण शामिल होगा।
- इसी तरह साल 2024-25 तक NHAI के द्वारा संचालित राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार कर 2 लाख किमी लंबाई तक किया जायेगा। साल 2014 में यह सिर्फ 91,000 किमी था और इसी नवंबर यानी 2021 के अंत में यह 1.3 लाख किमी हो जायेगा।
- इससे डिफेंस उत्पादन में भी काफी तेजी आएगी. करीब 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में 2 डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना है। इसकी वजह से भारत में करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये के डिफेंस उत्पादों का उत्पादन होगा और इनका करीब 25 फीसदी हिस्सा निर्यात किया जाएगा।
- गति शक्ति योजना से साल 2024-25 तक देश में रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को मौजूदा 1200 MT से बढ़ाकर 1600 MT तक किया जाएगा। इससे दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में भी तेजी आएगी।
- इसी तरह सरकार की योजना साल 2024-25 तक देश में गैस पाइपलाइन नेटवर्क को दोगुना कर 34,500 किमी तक करने की है. साल 2027 तक हर राज्य को नेचुरल गैस पाइपलाइन से जोड़ने की सरकार की योजना में गति शक्ति की अहम भूमिका होगी।
- सरकार की योजना गंगा नदी में 29 MMT क्षमता का और अन्य नदियों में 95 MMT क्षमता का कार्गो ढुलाई करने की है। वाराणसी से असम में तिनसुखिया जिले के सादिया तक साल भर बड़ी नौकाएं (फेरी) चलने की शुरुआत की जाएगी। इसी तरह समुद्री बंदरगाहों से साल 2024-25 तक 1,759 एमएमटी प्रति साल की ढुलाई का लक्ष्य है।
- साल 2024 तक दूरसंचार विभाग द्वारा 35 लाख किमी का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का प्लान है. इसी तरह ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा ट्रांसमिशन नेटवर्क बढ़ाकर 4.52 लाख किमी तक किया जाएगा।
- फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री द्वारा देश में करीब 200 मेगा फूड पार्क बनाने, फिशिंग क्लस्टर बढ़ाकर 202 तक करने, 15 लाख करोड़ के टर्नओवर वाले 38 इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर बनाने, 90 टेक्सटाइल क्लस्टर बनाने और 110 फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस क्लस्टर बनाने का लक्ष्य है। .
- मास्टर प्लान के तहत 4 इंडस्ट्रियल नॉड बनाने का प्रस्ताव है। ऐसा एक इंडिस्ट्रियल नॉड यूपी के दादरी में, एक कर्नाटक के तुमुकुर में और महाराष्ट्र के शेंद्र बिडकिन में होगा।
- नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश भर में 2024-25 तक 11 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की योजना है।
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