Friday, May 10, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. कॉल ड्रॉप: टेलीकॉम कंपनियों ने कोर्ट से कहा और बोझ डालना सही नहीं

कॉल ड्रॉप: टेलीकॉम कंपनियों ने कोर्ट से कहा और बोझ डालना सही नहीं

टेलीकॉम कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पूरा (टेलीकॉम) सेक्टर भारी कर्ज के तले दबा है। ऐसे में कॉल ड्रॉप मामले में छूट देना चाहिए।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: May 04, 2016 9:09 IST
कॉल ड्रॉप: टेलीकॉम कंपनियों ने हर्जाने से बचने के लिए चली एक और चाल, कहा- कर्ज तले दबी है पूरी इंडस्ट्री- India TV Paisa
कॉल ड्रॉप: टेलीकॉम कंपनियों ने हर्जाने से बचने के लिए चली एक और चाल, कहा- कर्ज तले दबी है पूरी इंडस्ट्री

नई दिल्ली। टेलीकॉम कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पूरा (टेलीकॉम) सेक्टर भारी कर्ज के तले दबा है। उन्हें स्पेक्ट्रम के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ रही है ऐसे में कॉल ड्रॉप मामले में कोई छूट नहीं देकर उनका बोझ और नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। कॉल ड्रॉप से आशय मोबाइल पर बातचीत के दौरान काल का अचानक कट जाना है। ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों से कॉल ड्रॉप होने पर ग्राहक को एक रुपए प्रति कॉल ड्रॉप भुगतान करने को कहा है। हालांकि, एक दिन में अधिकतम तीन कॉल ड्रॉप के लिए ही भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही उक्त कंपनियों ने ट्राई के इस दावे का खंडन किया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां भारी लाभ कमा रही हैं। कंपनियों ने कोर्ट में कहा कि वे टेलीकम्युनिकेशंस के बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश कर रही हैं।

टेलीकॉम कंपनियों की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने न्यायाधीश कुरियन जोसेफ व न्यायाधीश आर एफ नरीमन की पीठ के समक्ष कहा, उन (ट्राई) का कहना है कि हम हर दिन 250 करोड़ रुपए कमा रहे हैं लेकिन इसमें जिस बात का जिक्र नहीं है वह यह कि हम पर भारी कर्ज बोझ है। हमें कर्ज के रूप में 3.8 लाख करोड़ रुपए से अधिक कर्ज चुकाना है। हम 45,000 करोड़ रुपए में स्पेक्ट्रम खरीद रहे हैं जबकि पहले यह 1658 करोड़ रुपए में मिलता था। उन्होंने कहा, हम कुछ भी हासिल नहीं कर रहे हैं और हमारी प्रतिफल की दर साल के आखिर में एक फीसदी से कम है।

पीठ ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है। सिब्बल ने कहा कि दूरसंचार नियामक ट्राई ने भारत की तुलना चीन से की है लेकिन उस देश में तीन शीर्ष दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम मुफ्त में दिया जाता है। ये तीनों कंपनियां सरकारी हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ट्राई उपभोक्ताओं को लेकर चिंतित है वैसे ही दूरसंचार कंपनियां भी हैं और कोई भी काल ड्राप नहीं चाहता लेकिन इसकी वजह उनके नियंत्रण से बाहर हैं। उल्लेखनीय है कि दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के संगठन सीओएआई तथा भारतीय एयरटेल, वोडाफोन सहित 21 दूरसंचार कंपनियों ने इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement