लॉस वेगास। दुनिया की सबसे बड़ी आईटी स्टोरेज कंपनी ईएमसी भारत में स्मार्ट सिटी विकसित करने की होड़ में शामिल है। उसने केंद्र और राज्य सरकारों को अपनी सेवाएं मुहैया कराने का प्रस्ताव दिया है। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। ईएमसी के भारत व दक्षेस के अध्यक्ष राजेश जनेय ने कहा, “हम एक राज्य सरकार के अस्पतालों को स्मार्ट बनाने के लिए और सरकार को सटीक निर्णय लेने के लिए उसी क्षण सूचना मुहैया कराने के लिए एक स्वास्थ्य परियोजना को पूरा भी कर चुके हैं।” राजेश ने यहां ईएमसी के विश्व वार्षिक सम्मेलन में आए भारतीय पत्रकारों को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “वह परियोजना भारत के सबसे नए राज्य तेलंगाना के लिए थी। हम शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों से भी बात कर रहे हैं।” नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत में 100 स्मार्ट सिटी विकसित करने की पहल करने की घोषणा की थी। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रारंभिक निधि के रूप में 7000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। हालांकि, इसमें से बहुत कम ही खर्च हो पाया है। परियोजना को राज्य सरकारों या नगर परिषदों के जरिए लागू किया जाना है।
ईएमसी और डेल ने गत अक्टूबर में 67 अरब डॉलर का विलय किया है। यह प्रौद्योगिकी के इतिहास का सबसे बड़ा विलय है। ईएमसी विश्व सम्मेलन में डेल कंपनी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी(सीईओ) माइकल डेल ने सोमवार को कहा कि विलय के बाद कंपनी डेल टेक्नोलॉजी कहलाएगी, जबकि उपक्रम कंपनी का नाम डेल-ईएमसी रहेगा। विलय को कुछ नियामकों से स्वीकृति का इंतजार है और इसे जून से अक्टूबर के बीच पूरा हो जाने की उम्मीद है। ईएमसी के भारत में पांच हजार से अधिक कर्मचारी हैं। इनमें भी अधिकतर इंजीनियरिंग संभाग में है। इसके बेंगलुरू, हैदराबाद, दिल्ली एनसीआर और कुछ दूसरे दर्जे के शहरों में दफ्तर हैं।
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