8th Pay Commission: भारतीय रेल ने 8वां वेतन आयोग लागू होने से पहले अपने फाइनेंस को मजबूत करने और अपने खर्चों में कटौती की तैयारियां शुरू कर दी है। 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों की सैलरी पर होने वाले रेलवे के खर्च में भारी-भरकम बढ़ोतरी हो जाएगी। सैलरी पर बढ़ने वाले खर्च से निपटने के लिए भारतीय रेल मेंटेनेंस, खरीद और एनर्जी में होने वाले खर्चों में कटौती के अलग-अलग उपायों पर विचार कर रहा है। बताते चलें कि इस साल जनवरी में गठित 8वें वेतन आयोग को अपने गठन के 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें देनी हैं।
7वें वेतन आयोग में 14-26% बढ़ी थी स्टाफ की सैलरी
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से रेलवे कर्मचारियों की सैलरी में 14-26% की बढ़ोतरी हुई थी। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं और इसका 10 साल का कार्यकाल जनवरी 2026 में खत्म होने जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि भारतीय रेल अगले दो सालों में अपने ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए खर्च कम करने पर ध्यान दे रहा है, ताकि सैलरी बढ़ाए जाने से होने वाला असर उसके फाइनेंस को बेपटरी न दे।
30,000 करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है रेलवे का सालाना खर्च
7वां वेतन आयोग लागू होने से अधिकारियों-कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन पर होने वाले रेलवे के खर्च में 22,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद सैलरी और पेंशन के खर्च में 30,000 करोड़ रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। रेलवे के एक सीनियर अधिकारी ने ET को बताया, "हमने एडिशनल फंड की जरूरत के लिए प्लान बनाए हैं।'' अधिकारी ने बताया कि सैलरी पर होने वाला अतिरिक्त खर्च, अनुमानित बचत और ज्यादा माल ढुलाई कमाई को मिलाकर आंतरिक स्रोतों से पूरा किया जाएगा।
सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने की है 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू करने की मांग
7वें वेतन आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया था, जिससे रेल कर्मचारियों की मिनिमम बेसिक सैलरी 7000 से बढ़कर 17,990 रुपये हो गई थी। सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने केंद्र सरकार से इस बार 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू करने की मांग की है। अधिकारियों ने बताया कि 2.86 के फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से रेलवे के सैलरी बिल में 22 प्रतिशत से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हो सकती है। बताते चलें कि भारतीय रेल के कर्मचारियों की संख्या, देश में किसी भी विभाग के कर्मचारियों की संख्या से काफी ज्यादा है।
नया शॉर्ट-टर्म कर्ज लेने की कोई योजना नहीं
अधिकारी ने कहा कि रेल नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा होने के बाद सालाना एनर्जी बिल में लगभग 5000 करोड़ रुपये तक की बचत होने का अनुमान है। अधिकारी ने कहा कि कोई नया शॉर्ट-टर्म कर्ज लेने की कोई योजना नहीं है। अधिकारी ने कहा कि जब 2027-28 में अधिकारी-कर्मचारी को ज्यादा सैलरी देनी होगी, तब रेलवे की सालाना माल ढुलाई से होने वाली कमाई भी बढ़कर 15,000 करोड़ रुपये तक बढ़ जाएगी। भारतीय रेल ने 2025-26 के लिए स्टाफ की सैलरी के लिए 1.28 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के 1.17 लाख करोड़ रुपये से 11,000 करोड़ रुपये ज्यादा है। वित्त वर्ष 2026 में पेंशन फंड के लिए 68,602.69 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो वित्त वर्ष 2025 के 66,358.69 करोड़ रुपये से ज्यादा है।



































