अमेरिकी सरकार ने कंप्यूटर चिप, उन्हें बनाने वाले उपकरणों और दवाओं के आयात पर अधिक टैरिफ लगाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार देर रात संघीय रजिस्टर में नोटिस जारी कर इन सामानों के आयातों की जांच शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत सरकार ने तीन सप्ताह के भीतर जनता से प्रतिक्रिया मांगी है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हो रही है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन सहित अन्य देशों से आयात पर शुल्क बढ़ाने की योजना पर 90 दिनों की रोक लगाई थी। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने यह साफ किया है कि दवाओं, लकड़ी, तांबे और कंप्यूटर चिप्स पर शुल्क लगाने की योजना अभी भी जारी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से की जा रही जांच
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि यह जांच राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से की जा रही है – खासकर उन उत्पादों पर जो कंप्यूटर चिप्स में इस्तेमाल होते हैं और जिनका उपयोग कार, रेफ्रिजरेटर, स्मार्टफोन व अन्य रोजमर्रा की वस्तुओं में होता है। गौरतलब है कि अमेरिका का यह कदम 1962 के व्यापार विस्तार अधिनियम की धारा 232 के तहत उठाया जा रहा है, जो राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर शुल्क लगाने का अधिकार देता है।
वाहन को राहत दे सकते हैं ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को संकेत दिया कि वह वाहनों और उनके पुर्जों पर लगाए गए 25% शुल्क को अस्थायी रूप से टालने पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम कार विनिर्माताओं को अपनी आपूर्ति श्रृंखलाएं समायोजित करने का समय देने के लिए उठाया जा सकता है।ट्रंप ने ‘ओवल ऑफिस’ में पत्रकारों से कहा कि मैं कुछ कार कंपनियों की मदद करने के बारे में सोच रहा हूं। रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने कहा कि वाहन विनिर्माताओं को कनाडा, मैक्सिको और अन्य स्थानों से उत्पादन स्थानांतरित करने के लिए ‘समय की जरूरत है, क्योंकि वे उनका विनिर्माण वहां करना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें थोड़ा समय चाहिए।’’ फोर्ड, जनरल मोटर्स और स्टेलांटिस का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था अमेरिकन ऑटोमोटिव पॉलिसी काउंसिल के अध्यक्ष मैट ब्लंट ने कहा कि समूह ट्रंप के घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लक्ष्य से सहमत है। ब्लंट ने कहा, इस बात को लेकर जागरूकता बढ़ रही है कि व्यापक शुल्क एक समृद्ध और बढ़ते अमेरिकी वाहन उद्योग के विनिर्माण के हमारे साझा लक्ष्य को कमजोर कर सकता है।
ट्रंप के बयान से शुल्क पर एक बार फिर से उलटफेर का संकेत मिलता है, क्योंकि उनके फैसले से वित्तीय बाजारों में घबराहट है और वॉल स्ट्रीट के अर्थशास्त्रियों में संभावित मंदी को लेकर गहरी चिंता उत्पन्न हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने 27 मार्च को वाहनों तथा उसके घटकों पर 25 प्रतिशत शुल्क की घोषणा की थी और इन्हें ‘‘स्थायी’’ करार दिया था।



































