ट्रंप ने शुक्रवार को चीन पर लगे ऊंचे सीमा शुल्क को घटाकर 80 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा। इसे दोनों देशों के बीच छिड़े व्यापार युद्ध को शांत करने वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है।
इंपोर्ट पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने के ट्रंप के फैसले के बाद चीन ने भी जवाबी कदम उठाए, जिसके बाद दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर जैसी स्थिति बन गई।
RFA रिपोर्ट के अनुसार, मजदूरों ने दावा किया कि फ्लैक्सिबल सर्किट बोर्ड बनाने वाली सिचुआन स्थित कंपनी ने साल की शुरुआत से ही उनके वेतन का मुआवजा नहीं दिया।
ऑफिशियल मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में 50.5 से गिरकर 49.0 के 16 महीनों के निचले स्तर पर आ गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा शुरू किए गए ट्रेड वॉर में अब नरमी के संकेत मिल रहे हैं। अमेरिका सबसे पहला ट्रेड डील भारत के साथ कर सकता है।
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ ट्रेड एग्रीमेंट सफल रूप से निष्कर्ष पर पहुंचने के ‘बहुत करीब’ है।
मंगलवार को मीडिया के साथ बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति ट्रंप चीन के साथ एक बेहतर समझौते को लेकर आशावाद नजर आए, जिसके परिणामस्वरूप चीन से होने वाले इंपोर्ट पर टैरिफ में कटौती की जा सकती है।
अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर टैरिफ को बढ़ाकर 245% कर दिया है। वहीं, ट्रम्प के टैरिफ के जवाब में चीन ने अमेरिका पर 125% टैरिफ लगाया हुआ है।
व्यापार रणनीतियों में बदलाव के प्रयास चुनौतीपूर्ण और चिंताजनक हैं और वैश्विक स्थिति अस्थिर, अनिश्चित और जटिल बनी हुई है। हालांकि, भारत अपनी मजबूत वृहद आर्थिक नींव के साथ इस माहौल में मजबूती से खड़ा है।
चीन से अमेरिका जाने वाले सामान पर अब 245% तक टैक्स देना होगा। व्हाइट हाउस के फैक्ट शीट से यह जानकारी मिली है।
अमेरिकी प्रशासन ने अगला कदम उठाते हुए कंप्यूटर चिप, चिप बनाने वाले उपकरण और दवा संबंधी आयात की जांच शुरू की है।
डांग ने कहा कि यह 90-दिवसीय राहत दोनों देशों के सरकारों को बातचीत करने का अवसर देती है। हालांकि अनिश्चितताओं के चलते उपभोक्ता भावना और घरेलू मांग में गिरावट देखने को मिल सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छोड़कर अन्य अधिकांश देशों पर 90 दिनों के लिए 'जवाबी शुल्क' पर रोक लगा दी है।चीन ने अमेरिकी आयातित सामान पर 125% का शुल्क लगाने का फैसला कर लिया है।
भारतीय निर्यातकों ने कहा कि अमेरिकी निर्णय ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने इस कदम को वापस ले लिया है। यह एक बड़ी राहत है। यह टैरिफ निलंबन हांगकांग और मकाऊ सहित चीन पर लागू नहीं है।
बुधवार को जहां ट्रंप ने चीन पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने बाकी सभी देशों को नए टैरिफ रेट से 90 दिनों के लिए राहत दे दी।
चीन की तरफ से लगाए गए जवाबी सीमा शुल्क को वापस न लेने की स्थिति में उस पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की सोमवार को धमकी दी थी।
कच्चा तेल यानी क्रूड ऑयल दो दिनों में करीब 14% टूट चुका है। ब्रेंट क्रूड का भाव 63.93 डॉलर पर आ चुका है।
अमेरिका के शुल्क से वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा और लोहा तथा इस्पात सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। वहीं औषधि, पेट्रोलियम जैसी छूट वाली वस्तुएं हैं, जो शायद बहुत प्रभावित न हों।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने सोमवार को कहा कि दुर्भाग्य से, ये देश बहुत लंबे समय से हमारे देश को लूट रहे हैं।
'एक ऐसी गाय के दूध से बना मक्खन खाना, जिसे दूसरी गाय का मांस और खून खिलाया गया हो। भारत शायद कभी इसकी अनुमति न दे।’
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