
सरकार बजट 2025 में देश में एडवांस और प्रीमियम ट्रेनों पर विशेष फोकस कर सकती है। साथ ही स्टेशनों का रेनोवेशन या अपग्रेडेशन करने पर भी सरकार का जोर देखने को मिल सकता है। इस मद में बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, माना जा रहा है कि बजट में वित्त वर्ष 2026 के लिए पूंजीगत व्यय आवंटन में 15-20% की वृद्धि देखने को मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह चालू वर्ष के फंड का उपयोग करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
कुल पूंजीगत व्यय आवंटन रह सकता है इतना
खबर के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2026 का बजट पेश करेंगी। अनुमान है कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के लिए कुल पूंजीगत व्यय आवंटन चालू वित्त वर्ष के 2.65 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। खबर के मुताबिक, सरकार आगामी साल के लिए ए़डवांस रेलवे स्टेशन परियोजनाओं को पूरा करने, आधुनिक ट्रेनें शुरू करने और ट्रैक नेटवर्क को विस्तार देने पर ध्यान देगी। सरकार ट्रैक विस्तार, मौजूदा बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और लोकोमोटिव, कोच और वैगन सहित जरूरी उपकरणों की खरीद पर पहल करेगी।
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को भी किया जाएगा तेज
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के रूप में जाना जाने वाला बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की प्रगति में तेजी लाने के लिए सरकार अतिरिक्त वित्तीय सहायता की घोषणा कर सकती है। चर्चा है कि बजट 2025-26 में रेलवे के पूंजीगत व्यय में वृद्धि होने की उम्मीद है। रेलवे के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए आवंटित 2.65 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का लगभग 80% अब तक उपयोग किया जा चुका है। रेलवे बोर्ड ने चालू वित्त वर्ष में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। ऐसा लग रहा है कि पूंजीगत व्यय का लक्ष्य वित्त वर्ष खत्म होने से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा।
किसके लिए क्या निर्धारित किए गए
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रेल का चालू वित्त वर्ष पीपीपी पूंजीगत व्यय लक्ष्य 10,000 करोड़ रुपये था, जिसमें से लगभग 90% जनवरी के मध्य तक हासिल कर लिया गया। चालू वित्त वर्ष के नियोजित व्यय में रोलिंग स्टॉक के लिए 50,903 करोड़ रुपये शामिल हैं। क्षमता वृद्धि के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए, जिसमें नई लाइनें, गेज परिवर्तन, ट्रैक दोहरीकरण, सुविधाएं, विद्युतीकरण, पीएसयू निवेश और महानगरीय परिवहन शामिल हैं। सुरक्षा संबंधी पहलों को 34,412 करोड़ रुपये मिले। लंबी यात्राओं के लिए वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की शुरूआत अगले वित्त वर्ष के लिए निर्धारित है।