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अटके पड़े रियल्टी प्रोजेक्ट में घर मिलने का सपना पूरा होगा, मोदी सरकार ने लिया यह फैसला

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय सलाहकार परिषद ने करीब एक साल पहले इस तरह की समिति बनाने का फैसला किया था।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Apr 04, 2023 16:34 IST, Updated : Apr 04, 2023 16:34 IST
अटके पड़े रियल्टी प्रोजेक्ट- India TV Paisa
Photo:PTI अटके पड़े रियल्टी प्रोजेक्ट

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने रियल एस्टेट क्षेत्र की अटकी परियोजनाओं से जुड़े मुद्दों के समाधान और उन्हें पूरा करने के उपायों के बारे में सुझाव देने के लिए नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय समिति का गठन किया है। मंत्रालय के 31 मार्च को जारी आदेश के अनुसार समिति पहली बैठक की तिथि से छह महीने में रिपोर्ट देगी। आदेश में कहा गया है कि 14 सदस्यीय समिति लंबे समय से अटकी परियोजनाओं से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श करेगी और इन परियोजनाओं को पूरा करने तथा घर खरीदारों को समय पर मकान सौंपने के उपाय सुझाएगी। माना जा रहा है कि इस फैसले से देशभर में अटके रियल्टी प्रोजेक्ट में घर मिलने का इंतजार कर रहे लाखों लोगों को राहत मिलेगी।

समिति में इन लोगों को किया गया शामिल

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय सलाहकार परिषद ने करीब एक साल पहले इस तरह की समिति बनाने का फैसला किया था। समिति में केंद्रीय वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव, उत्तर प्रदेश के आवास और शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव तथा भारतीय दिवाला और ऋण शोधन बोर्ड के अध्यक्ष समेत केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

लाखों लोगों को नहीं मिला है घर

देश में करीब 4 लाख से ज्यादा घर खरीदार ऐसे हैं, जो पिछले 10 साल से अपना घर मिलने का इंतजार कर रहे हैं। यह सपना सालों से सपना ही बना हुआ है। वे इस इंतजार में हैं कि कब उन्हें उनके सपनों का घर मिले। लाखों घर खरीदारों के घर देश में अटके पड़े रियल एस्टेट प्रॉजेक्ट्स में फंसे हैं। कंस्ट्रक्शन रुके होने की वजह या तो रियल एस्टेट कंपनियों पर चल रहे मुकदमे हैं या फिर उनका दिवालिया होना। सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में करीब 2 लाख फ्लैट अटके हुए हैं। कोर्ट के चक्कर लगा-लगा कर होम बायर्स थक चुके हैं। ऐसे में सरकार की ओर से उठाया गया यह बहुत ही राहत भरा कदम है।

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