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वैश्विक मंदी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर नहीं, फिच ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को बरकरार रखा

वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के मुताबिक भारत में मंदी की संभावना 0% है। वहीं, अमेरिका, चीन और फ्रांस जैसे विकसित देशों पर भी मंदी का खतरा मंडरा रहा है। सबसे अधिक खतरा ब्रिटेन को लेकर बताई गई है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : May 09, 2023 8:58 IST, Updated : May 09, 2023 8:58 IST
फिच रेटिंग्स - India TV Paisa
Photo:PTI फिच रेटिंग्स

कोरोना महामारी के बाद यूक्रेन—रूस युद्ध से दुनियाभर की कई बड़ी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में है। हालांकि, इसके असर से भारतीय अर्थव्यवस्था अछूती है। इसके चलते फिच ने भारत की सॉवरेन रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया है। फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को भारत की सॉवरेन रेटिंग के परिदृश्य को स्थिर बताते हुए कहा कि देश में सुदृढ़ वृद्धि परिदृश्य बना हुआ है। उसने एक बयान में कहा, ‘‘फिच रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी-मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग (आईडीआर) को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-’ पर रखा है।’’

भारत की मजबूत वृद्धि पर भरोसा जताया 

फिच रेटिंग्स ने कहा कि सॉवरेन रेटिंग के लिए मजबूत वृद्धि क्षमता एक महत्वपूर्ण कारक है। उसने कहा, ‘‘भारत की रेटिंग अन्य समकक्षों की तुलना में मजबूत वृद्धि परिदृश्य और बाहरी वित्तीय लचीलापन दर्शाती है जिसने भारत को पिछले वर्ष में बड़े बाहरी झटकों से पार पाने में मदद की है।’’ एजेंसी ने अगस्त 2006 से भारत की रेटिंग को ‘‘बीबीबी-’’ पर रखा है जो सबसे कम निवेश ग्रेड रेटिंग है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां विभिन्न देशों की सरकारों की उधार चुकाने की क्षमता के आधार पर ‘सॉवरेन रेटिंग’ तय करती हैं। इसके लिए वह अर्थव्यवस्था, बाजार और राजनीतिक जोखिम को आधार मानती हैं। रेटिंग यह बताती है कि एक देश भविष्य में अपनी देनदारियों को चुका सकेगा या नहीं? आमतौर पर पूरी दुनिया में स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी), फिच और मूडीज इन्वेस्टर्स ही सॉवरेन रेटिंग तय करती हैं। 

भारत में मंदी की संभावना 0%

वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के मुताबिक भारत में मंदी की संभावना 0% है। वहीं, अमेरिका, चीन और फ्रांस जैसे विकसित देशों पर भी मंदी का खतरा मंडरा रहा है। सबसे अधिक खतरा ब्रिटेन को लेकर बताई गई है। वहीं,अमेरिका में बैकिंग सेक्टर का हाल बुरा है और वहां नकदी की भी समस्या खड़ी हो गई है। इंग्लैंड में मंदी की सबसे अधिक आशंका यानी 75% है। न्यूजीलैंड 70 % आशंका के साथ दूसरे और अमेरिका 65% के साथ तीसरे नंबर पर है।

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