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IOC, BPCL और Gail समेत कई सरकारी तेल कंपनियों पर लगातार 5वीं तिमाही लगा जुर्माना, जानिए क्या है वजह

चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में स्वतंत्र निदेशकों की अपेक्षित संख्या या अनिवार्य महिला निदेशकों के नहीं होने से बीएसई और एनएसई ने जुर्माना लगाया है।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Aug 25, 2024 20:32 IST, Updated : Aug 25, 2024 20:32 IST
सरकारी तेल कंपनियां- India TV Paisa
Photo:REUTERS सरकारी तेल कंपनियां

सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और गैस कंपनी गेल समेत अन्य बड़ी तेल कंपनियों पर सूचीबद्धता मानदंडों को पूरा करने में विफल रहने को लेकर लगातार पांचवीं तिमाही में जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना अपने निदेशक मंडलों में अपेक्षित संख्या में स्वतंत्र और महिला निदेशकों की नियुक्ति नहीं करने को लेकर लगाया गया है। शेयर बाजार बीएसई और एनएसई ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि.(एचपीसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि.(बीपीसीएल), ऑयल इंडिया लि.(ओआईएल), गेल (इंडिया) लि.और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लि.(एमआरपीएल) पर अप्रैल-जून तिमाही में सूचीबद्धता की आवश्यकता को पूरा नहीं करने के लिए जुर्माना लगाया है।

निदेशक मंडल में कम-से-कम एक महिला निदेशक रखना जरूरी

कंपनियों ने शेयर बाजारों को अलग-अलग दी सूचना में कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में स्वतंत्र निदेशकों की अपेक्षित संख्या या अनिवार्य महिला निदेशकों के नहीं होने से बीएसई और एनएसई ने जुर्माना लगाया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि निदेशकों की नियुक्ति सरकार को करनी है और इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। कंपनियों को पिछली चार तिमाहियों में भी इसी कारण जुर्माना का सामना करना पड़ा था। सूचीबद्धता नियमों के अनुसार, कंपनियों को कार्यकारी या कार्यात्मक निदेशकों के समान अनुपात में स्वतंत्र निदेशक रखने की जरूरत होती है। उन्हें निदेशक मंडल में कम-से- कम एक महिला निदेशक रखने की भी आवश्यकता है।

IOC ने क्या कहा?

आईओसी ने कहा कि बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लि.(एनएसई) ने 30 जून, 2024 को समाप्त तिमाही के दौरान निदेशक मंडल की संरचना से संबंधित सेबी (सूचीबद्धता बाध्यता और खुलासा जरूरत) के विनियमन 17(1) का अनुपालन नहीं करने के लिए कंपनी पर 5,36,900-5,36,900 रुपये का जुर्माना लगाया। आईओसी ने कहा, "नोटिस के जवाब में, इंडियन ऑयल ने 22 अगस्त, 2024 के पत्र के माध्यम से बीएसई और एनएसई को बताया है कि एक सरकारी कंपनी होने के नाते, निदेशकों (स्वतंत्र निदेशकों सहित) को नियुक्त करने का अधिकार पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पास है। ऐसे में 30 जून, 2024 को समाप्त तिमाही के दौरान कंपनी के निदेशक मंडल में महिला स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति नहीं करने सहित स्वतंत्र निदेशकों की कमी कंपनी की लापरवाही/चूक के कारण नहीं है।" 

सरकार की है जिम्मेदारी

कंपनी ने कहा कि आईओसी को जुर्माना भरने के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जाना चाहिए तथा उसे माफ कर दिया जाना चाहिए। कंपनी ने कहा कि वह कॉरपोरेट संचालन नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए अपेक्षित संख्या में निदेशकों की नियुक्ति को लेकर मंत्रालय के साथ लगातार मामला उठाती रही है। बीपीसीएल ने कहा कि निदेशक मंडल में एक स्वतंत्र निदेशक कम होने के कारण बीएसई और एनएसई ने उस पर 2,41,900-2,41,900 रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने कहा कि निदेशकों की नियुक्ति पर उसका कोई अधिकार नहीं है। वह जुर्माना माफी को लेकर बीएसई और एनएसई को आवेदन देगी। एचपीसीएल ने कहा कि बीएसई और एनएसई ने उस पर 5,36,900-5,36,900 रुपये का जुर्माना लगाया है। गेल पर भी इसी तरह का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी ने कहा, ‘‘निदेशक मंडल की संरचना के संबंध में गैर-अनुपालन कंपनी की किसी लापरवाही/चूक के कारण नहीं है। यह मामला गेल के प्रबंधन के दायरे में ही नहीं है। अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास भी किए जा रहे हैं।" ऑयल इंडिया और एमआरपीएल पर भी बीएसई और एनएसई ने 5,36,900-5,36,900 रुपये का जुर्माना लगाया है। देश की प्रमुख तेल कंपनियां पिछले साल अप्रैल से सूचीबद्धता नियमों का अनुपालन नहीं कर रही हैं और तब से हर तिमाही में उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है।

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