जून 2025 में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 6.2 प्रतिशत बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। एक साल पहले इसी महीने में ये 1,73,813 करोड़ रुपये था। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से ये जानकारी मिली। मई 2025 में जीएसटी कलेक्शन 2.01 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस साल अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन 2.37 लाख करोड़ रुपये के लाइफटाइम हाई पर था। घरेलू लेनदेन से ग्रॉस रेवेन्यू जून में 4.6 प्रतिशत बढ़कर करीब 1.38 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि इंपोर्ट से जीएसटी रेवेन्यू 11.4 प्रतिशत बढ़कर 45,690 करोड़ रुपये रहा।
जीएसटी रिफंड में 28.4 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी
ग्रॉस सेंट्रल जीएसटी रेवेन्यू जून में 34,558 करोड़ रुपये, स्टेट जीएसटी रेवेन्यू 43,268 करोड़ रुपये और इंटीग्रेटेड जीएसटी रेवेन्यू करीब 93,280 लाख करोड़ रुपये रहा। उपकर (Cess) से रेवेन्यू 13,491 करोड़ रुपये रहा। इस बीच, जून में कुल ‘रिफंड’ 28.4 प्रतिशत बढ़कर 25,491 करोड़ रुपये हो गया। नेट जीएसटी कलेक्शन सालाना आधार पर 3.3 प्रतिशत बढ़कर 1.59 लाख करोड़ रुपये रहा।
मासिक आधार पर कम हुआ जीएसटी कलेक्शन
बीडीओ इंडिया के इनडायरेक्ट टैक्स पार्टनर कार्तिक मणि ने कहा कि मासिक आधार पर आंकड़ों को देखें तो इस साल जून के शुद्ध जीएसटी कलेक्शन में 8.48 प्रतिशत की कमी आई है। इस दौरान घरेलू बाजार और आयात से कलेक्शन में गिरावट हुई। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने की 8वें साल पर उम्मीद है कि सालाना आधार पर कलेक्शन में इतनी धीमी बढ़ोतरी महज एक अपवाद है और आने वाले महीनों में जीएसटी कलेक्शन सामान्य बढ़ोतरी की राह पर लौट आएगा।
इन राज्यों में कम हुआ जीएसटी कलेक्शन
जून महीने में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों ने कलेक्शन में 4-8 प्रतिशत के बीच बढ़ोतरी दर्ज की गई। जबकि उत्तर प्रदेश, पंजाब और गुजरात जैसे अन्य राज्यों में 1-4 प्रतिशत के बीच गिरावट देखी गई है। हरियाणा, बिहार और झारखंड जैसे कुछ राज्यों ने 10 प्रतिशत की औसत बढ़ोतरी दर्ज की। टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी के पार्टनर विवेक जालान के अनुसार, लगातार दो महीनों में दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जीएसटी रेवेन्यू और डबल डिजिट की बढ़ोतरी के बाद, जून 2025 में 1.85 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन थोड़ा कम लगता है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में इस साल अभी तक 11.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी से लगता है कि वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत अच्छी स्थिति में है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ
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