छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने जीएसटी विभाग की समीक्षा बैठक में टैक्स चोरी करने वालों पर सख्ती के निर्देश दिए हैं। ये जानकारी भी सामने आई है कि जीएसटी कलेक्शन के मामले में राज्य 18% वृद्धि दर के साथ देश में अव्वल है।
ग्रॉस सेंट्रल जीएसटी रेवेन्यू जून में 34,558 करोड़ रुपये, स्टेट जीएसटी रेवेन्यू 43,268 करोड़ रुपये और इंटीग्रेटेड जीएसटी रेवेन्यू करीब 93,280 लाख करोड़ रुपये रहा।
1 जुलाई, 2017 से लागू किए गए जीएसटी ने 17 टैक्स और 13 सरचार्ज को एकीकृत किया है। यह भारत की आर्थिक प्रगति के चालक के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत कर रहा है।
अप्रैल 2025 में मासिक जीएसटी संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया था। मई 2025 में यह 2.01 लाख करोड़ रुपये था। जून के आंकड़े मंगलवार को जारी किए जाएंगे।
फरवरी के दौरान केंद्रीय जीएसटी से 35,204 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी से 43,704 करोड़ रुपये, इंटीग्रेटेड जीएसटी से 90,870 करोड़ रुपये और मुआवजा उपकर से 13,868 करोड़ रुपये हासिल हुए।
जीएसटी डिपार्टमेंट ने साल के पहले महीने में कुल 23,853 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया, जो 24 प्रतिशत ज्यादा है। रिफंड को समायोजित करने के बाद कुल नेट जीएसटी रेवेन्यू 10.9 प्रतिशत बढ़कर 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा।
दिसंबर 2024 के दौरान, घरेलू लेनदेन से जीएसटी 8.4 प्रतिशत बढ़कर 1.32 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात पर टैक्स से राजस्व लगभग 4 प्रतिशत बढ़कर 44,268 करोड़ रुपये हो गया।
अक्टूबर 2024 में सकल जीएसटी राजस्व 8.9 प्रतिशत बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया। एक साल पहले की समान अवधि यानी अक्टूबर 2023 में जीएसटी संग्रह 1.72 लाख करोड़ रुपये था।
अगस्त 2023 में अपनी बैठक में जीएसटी परिषद ने स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को 28 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा। बावजूद यूजर्स को क्रेज कम नहीं हुआ बल्कि जोरदार रहा है।
सकल जीएसटी राजस्व 1,82,075 करोड़ रुपये रहा, जिसमें 32,386 करोड़ रुपये का केंद्रीय जीएसटी, 40,289 करोड़ रुपये का राज्य जीएसटी और 96,447 करोड़ रुपये का एकीकृत जीएसटी शामिल है।
इस साल अप्रैल में जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया था। सूत्रों ने बताया कि सरकार आगे कर संग्रह के संबंध में कोई बयान जारी नहीं करेगी।
मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने जीएसटी कलेक्शन में रिकॉर्ड वृद्धि का श्रेय जनता और व्यापारियों को दिया। उन्होंने कहा कि अधिकारी खर्च कम कर रहे हैं। इससे राज्य वित्तीय स्थिरता की तरफ बढ़ रहा है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर है। मोदी सरकार की जीएसटी से छप्परफाड़ कमाई हो रही है। आपको बता दें कि मार्च में जीएसटी कलेक्शन 1.78 लाख करोड़ रुपये रहा है।
चालू वित्त वर्ष के लिए औसत मासिक सकल संग्रह 1.67 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
December GST collection: दिसंबर के जीएसटी क्लेक्शन में सालाना आधार पर तेज उछाल देखने को मिला है और यह 10 प्रतिशत बढ़कर 1.65 लाख करोड़ हो गया है।
इस साल नवंबर का संग्रह हालांकि अक्टूबर में जुटाए गए 1.72 लाख करोड़ रुपये से कम है, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद से यह दूसरा सबसे बड़ा संग्रह है।
October GST collection: वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि अक्टूबर का जीएसटी कलेक्शन 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि जीएसटी इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा कलेक्शन है।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि सितंबर, 2023 में जीएसटी संग्रह पिछले साल के इसी महीने के 1.47 लाख करोड़ रुपये से 10 प्रतिशत अधिक रहा। बयान में कहा गया, ‘‘समीक्षाधीन महीने के दौरान घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व सालाना आधार पर 14 प्रतिशत अधिक रहा।
जानकारों का कहना है कि सरकारी के लिए यह अच्छी खबर है। टैक्स कलेक्शन बढ़ने से सरकार विकास के कार्यों पर ज्यादा खर्च कर पाएगी। साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं पर भी आवंटन बढ़ेगा, जिससे आम लोगों को फायदा मिलेगा।
जुलाई, 2017 में जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद से सर्वाधिक कर संग्रह का पिछला रिकॉर्ड 1.68 लाख करोड़ रुपये था जो पिछले साल अप्रैल में बना था।
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