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व्यावसायिक घरानों में बंटवारे के बीच रुइया परिवार एकजुट कैसे? प्रशांत रुइया ने बताया बॉन्डिंग का राज

रुइया ने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि मजबूत पारिवारिक संबंध बनाए रखने के लिए लक्ष्यों का सावधानीपूर्वक फिक्स करना है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि परिवार के प्रत्येक सदस्य को अपनी बात कहने और आगे बढ़ने का अवसर मिले।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jun 17, 2024 15:31 IST, Updated : Jun 17, 2024 15:31 IST
Prashant Ruia - India TV Paisa
Photo:FILE प्रशांत रुइया

भारतीय कारोबारी घरानों में हाल के वर्षों में नियंत्रण को लेकर संस्थापकों के बीच सार्वजनिक रूप से झगड़े देखने को मिले हैं। ऐसे में मेटल से लेकर बंदरगाह क्षेत्र में कारोबार करने वाला रुइया परिवार के नियंत्रण वाला एस्सार समूह एक अपवाद प्रतीत होता है। रुइया परिवार की तीन पीढ़ियां संस्थापक भाई शशि व रवि रुइया, उनके बच्चे और पोते-पोतियां एक ही छत के नीचे रहते हैं और संयुक्त रूप से व्यापारिक साम्राज्य चलाते हैं। वे मुंबई, दिल्ली और लंदन में अपने पारिवारिक घरों के साथ-साथ ऊर्जा, धातु और खनन, बुनियादी ढांचे तथा लॉजिस्टिक्स व प्रौद्योगिकी और खुदरा क्षेत्र में भी अपना कारोबार साझा करते हैं।

सभी को मिलता है आगे बढ़ने का अवसर

समूह के निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करने वाली एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया खुद को अपने परिवार के मिलने वाले सहयोग के कारण भाग्यशाली मानते हैं, जहां सदस्य पीढ़ियों से चले आ रहे मजबूत बंधनों को संजोए हुए हैं। रुइया ने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि मजबूत पारिवारिक संबंध बनाए रखने के लिए लक्ष्यों का सावधानीपूर्वक फिक्स करना है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि परिवार के प्रत्येक सदस्य को अपनी बात कहने और आगे बढ़ने का अवसर मिले। उन्होंने कहा, "यदि लक्ष्य जुड़े हों और लोगों को खुद के विचार अभिव्यक्त करने का मौका दिया जाए, तो यह (परिवारों का एक साथ रहना) संभव है।

परिवार को साथ रखना बेहतरीन अनुभव 

मुझे आश्चर्य है कि यह परंपरा इतनी तेजी से खत्म हो रही है। हमने इसे बनाए रखा है और यह बेहतरीन अनुभव रहा है। घर पर, यात्रा के दौरान, काम पर, निश्चित रूप से उस सहारे का होना काफी अच्छा है और हम बहुत खुश हैं।’’ पहली पीढ़ी के उद्यमी शशि और रवि रुइया ने 1969 में एस्सार समूह की स्थापना की थी, जब उन्हें मद्रास पोर्ट ट्रस्ट से बंदरगाह में बाहरी ब्रेकवाटर के निर्माण के लिए 2.5 करोड़ रुपये का ठेका मिला था। एस्सार ने शुरुआती वर्षों में निर्माण और इंजीनियरिंग क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया। इसने पुलों, बांधों और बिजली संयंत्रों सहित कई प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण किया। 1980 के दशक में कई तेल और गैस परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के साथ एस्सार समूह ऊर्जा क्षेत्र में उतरा। 

1990 के दशक में कारोबार को किया विस्तार 

1990 के दशक में, एस्सार ने इस्पात और दूरसंचार क्षेत्रों में अपने परिचालन का विस्तार किया। इसने इस्पात संयंत्र, एक तेल रिफाइनरी और हचिसन के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार ऑपरेटर बनाया। इसने दूरसंचार कारोबार से बाहर निकलकर, रूस की रोसनेफ्ट के नेतृत्व वाले एक संघ को तेल रिफाइनरी बेच दी। बकाया कर्ज की वसूली के लिए दिवाला कार्यवाही शुरू होने के बाद इसे अपने इस्पात संयंत्र आर्सेलरमित्तल को देने पड़े। करीब दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के बाद एस्सार अब खुद को नए सिरे से खड़ा कर रहा है। 

ग्रुप के पास करीब 14 कंपनियां 

रुइया ने कहा, ‘‘ समूह का राजस्व करीब 15 अरब अमेरिकी डॉलर है। समूह की कर पूर्व आय के संदर्भ में हमारा ‘रन रेट’ करीब एक अरब डॉलर है, जो करीब 8,000 करोड़ रुपये है और समूह का वर्तमान मूल्यांकन प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करीब आठ अरब अमेरिकी डॉलर है। आज हम एक समूह के रूप में इस स्थिति में हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ समूह के पास करीब 14 कंपनियां हैं, जहां निवेश को बढ़ाया जा रहा है। इनमें से कुछ कंपनियां भारत में हैं, कुछ अंतरराष्ट्रीय हैं। हम वैश्विक स्तर पर काम करते हैं और हम आगे बढ़ रहे हैं।’’ 

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