
पेट्रोल-डीजल और गैस की बढ़ी कीमत से राहत पाने का इंतजार और लंबा हो सकता है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल और गैस की कीमत ऊंची बनी रहने की आशंका है। इसके चलते भारतीय बाजार में ईंधन के दाम में कमी की जल्द होने की कोई संभावना नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी गेल इंडिया के चेयरमैन संदीप कुमार गुप्ता ने कहा है कि तेल और गैस की कीमतों में नरमी आने में अभी कुछ समय लग सकता है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल को ऊर्जा क्षेत्र के लिए कुल मिलाकर अच्छा रहने की उम्मीद जताई।
गेल अपने कारोबार को विस्तार देगा
गुप्ता ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक के दौरान यहां कहा कि गेल अगले 3-5 वर्षों में अपने पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 10,000-12,000 करोड़ रुपये करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि कई गैस पाइपलाइनों और अन्य परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि आम बजट में सीएनजी पर संपीड़न शुल्क में राहत दी जाएगी और प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए कुछ कदम उठाए जाएंगे। ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के प्रभाव के बारे में पूछने पर गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका के लिए अधिक ऊर्जा के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने पहले ही ऊर्जा आपातकाल घोषित कर दिया है, जिसके तहत वह चाहते हैं कि अधिक तेल और गैस की खोज की जाए, ताकि अमेरिका में ऊर्जा दक्षता हो।
गैस पाइपलाइन पर तेजी से कर रहे काम
उन्होंने कहा कि यह तेल और गैस क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है, क्योंकि तेल और गैस की उपलब्धता बढ़ गई है, जिससे कीमतों पर दबाव कम होगा। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि कीमतों में नरमी आने में कुछ समय लगेगा और फिलहाल ऊंची कीमतें बनी रहेंगी। अपनी कंपनी के बारे में गुप्ता ने कहा कि हम देश की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन हैं और हमने देश की मौजूदा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का बड़ा हिस्सा पहले ही बिछा दिया है। चालू वर्ष में भी हम कई पाइपलाइनें पूरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ''वर्तमान पूंजीगत व्यय जो लगभग 8,000-10,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है, हम इसे अगले 3-5 वर्षों में लगभग 10,000-12,000 करोड़ रुपये तक बढ़ा देंगे।