Friday, December 13, 2024
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RBI ने बीएनपी पारिबा और 3 अन्य बैंकिंग संस्थाओं पर लगाया जुर्माना, जानिए क्या है इस एक्शन की वजह

RBI ने हेवलेट पैकार्ड फाइनेंशियल सर्विसेज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड पर 10.40 लाख रुपये, मुथूट व्हीकल एंड एसेट फाइनेंस लिमिटेड पर 7.9 लाख रुपये और एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट कंपनी लिमिटेड पर 23.1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Sep 14, 2024 6:52 IST, Updated : Sep 14, 2024 6:52 IST
भारतीय रिजर्व बैंक- India TV Paisa
Photo:REUTERS भारतीय रिजर्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि उसने वैधानिक और नियामकीय अनुपालन में कुछ कमियों के लिए बीएनपी पारिबा पर 31.8 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक ने अपने कुछ मानदंडों का पालन न करने के लिए हेवलेट पैकार्ड फाइनेंशियल सर्विसेज (इंडिया), एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट कंपनी और मुथूट व्हीकल एंड एसेट फाइनेंस पर भी जुर्माना लगाया है। एक बयान में रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक बीएनपी पारिबा पर 'अग्रिमों पर ब्याज दर' के संबंध में जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए जुर्माना लगाया गया है।

बीएनपी पारिबा पर एक्शन की क्या है वजह

बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए वैधानिक निरीक्षण 31 मार्च, 2023 तक इसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किया गया था। उसके बाद बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटिस पर बैंक के जवाब और सुनवाई के दौरान रखे गए पक्ष पर विचार करने के बाद उसने पाया कि बैंक के खिलाफ लगे आरोप सही थे जिसके लिए मौद्रिक जुर्माना लगाना उचित था। केंद्रीय बैंक ने कहा,‘‘बैंक कुछ ऋणों के संबंध में समान ऋण श्रेणी के भीतर एकसमान बाह्य मानक दर अपनाने में विफल रहा।’’

हेवलेट पैकार्ड और मुथूट व्हीकल पर लगा इतना जुर्माना

इसके अलावा रिजर्व बैंक ने हेवलेट पैकार्ड फाइनेंशियल सर्विसेज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड पर 10.40 लाख रुपये, मुथूट व्हीकल एंड एसेट फाइनेंस लिमिटेड पर 7.9 लाख रुपये और एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट कंपनी लिमिटेड (पूर्व में फुलर्टन इंडिया क्रेडिट कंपनी लिमिटेड) 23.1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने कहा कि जुर्माना वैधानिक और नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य संस्थाओं द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर फैसला करना नहीं है।

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