
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को डिपोजिट और अकाउंट्स को लेकर कुछ अहम निर्देश जारी किए। ये निर्देश बैंकों के लिए जारी किए गए हैं। भारतीय रिजर्व द्वारा जारी किए गए इन ताजा निर्देशों के तहत कुछ मामलों में बैंकों को राहत मिलेगी तो कुछ मामलों में अब उन्हें केंद्रीय बैंक से मंजूरी लेनी होगी। आरबीआई ने कहा है कि बैंक अब अपनी विदेशी ब्रांचों या प्रतिनिधियों के नाम पर रुपया खाते (ब्याज रहित) खोल सकते हैं या बंद भी कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें केंद्रीय बैंक को सूचना देने की जरूरत नहीं होगी।
ऐसे मामलों में भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी लेना आवश्यक
हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक ने जमा और खाते पर जारी ‘मास्टर’ निर्देश में कहा कि पाकिस्तान के बाहर संचालित होने वाले पाकिस्तानी बैंकों की शाखाओं के नाम पर रुपया खाते खोलने के लिए रिजर्व बैंक से खास मंजूरी लेना बहुत जरूरी होगा। इसमें कहा गया है कि एक प्रवासी बैंक (Overseas Bank) के खाते में जमा करना प्रवासियों को भुगतान की एक स्वीकृत तरीका है और इसलिए, ये विदेशी मुद्रा में ट्रांसफर पर लागू नियमों के अधीन है। आरबीआई ने कहा कि एक प्रवासी बैंक के खाते से निकासी वास्तव में विदेशी मुद्रा का प्रेषण है।
चालू बाजार दरों पर स्वतंत्र रूप से विदेशी मुद्रा खरीद सकते हैं बैंक
रिजर्व बैंक ने प्रवासी बैंकों के खातों के फंडिंग पर कहा कि बैंक भारत में अपनी वास्तविक जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने खातों में राशि रखने को लेकर अपने विदेशी प्रतिनिधियों/शाखाओं से चालू बाजार दरों पर स्वतंत्र रूप से विदेशी मुद्रा खरीद सकते हैं। हालांकि, खातों में लेन-देन पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि विदेशी बैंक भारतीय रुपये पर सट्टा लगाने वाला नजरिया न अपनाएं। ऐसे किसी भी मामले की सूचना रिजर्व बैंक को दी जानी चाहिए।
पीटीआई इनपुट्स के साथ