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देश में चावल की होगी किल्लत, केंद्र सरकार के निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद बढ़ सकती है महंगाई

Rice Production: देश में केंद्र ने शुक्रवार से चावल निर्यात (Rice Export) पर प्रतिबंध लगा दिया है और कमोडिटी के विभिन्न ग्रेडों पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क भी लगाया है।

Edited By: India TV Business Desk
Published : Sep 09, 2022 18:59 IST, Updated : Sep 09, 2022 20:06 IST
Rice Export Ban- India TV Paisa
Photo:INDIA TV देश में चावल की होगी किल्लत

Rice Production: देश में केंद्र ने शुक्रवार से चावल निर्यात (Rice Export) पर प्रतिबंध लगा दिया है और कमोडिटी के विभिन्न ग्रेडों पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क भी लगाया है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि खरीफ सीजन में घरेलू उत्पादन 10 से 12 करोड़ टन तक कम हो सकती है। धान की अपर्याप्त बुवाई के चलते ऐसी स्थिति सामने आकर खड़ी हो गई है। मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे चावल वाले राज्यों में खराब बारिश के कारण उत्पादन में कमी आएगी।

देश में महंगाई रोकने की सरकार कर रही है कोशिश

चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने और निर्यात शुल्क शुरु करने के पीछे सरकार का उद्देश्य घरेलू कीमतों पर लगाम लगाना है और चावल की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। ताकि भारत की जनता को महंगाई का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने बताया कि कम बारिश के कारण कई चावल राज्यों में धान के रकबे में कमी आई है और 38 लाख हेक्टेयर कम हो गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पीडीएस लाभार्थियों को चावल भी प्रदान किया जाता है। मार्च 2020 में कोविड महामारी के दौरान शुरू हुई यह योजना 30 सितंबर को समाप्त होने वाली है।

धान फसल के रकबे में आई कमी

चालू खरीफ सत्र में धान फसल का रकबा काफी घट गया है। ऐसे में घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। राजस्व विभाग की बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, धान के रूप में चावल और ब्राउन राइस पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया गया है। यह निर्यात शुल्क नौ सितंबर से लागू होगा। गौरतलब है कि देश के कुछ राज्यों में बारिश कम होने की वजह से धान का बुवाई क्षेत्र घटा है। 

चीन के बाद भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक

चीन के बाद भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक है। चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40 प्रतिशत है। भारत ने 2021-22 के वित्त वर्ष में 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था। इसमें 39.4 लाख टन बासमती चावल था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में गैर-बासमती चावल का निर्यात 6.11 अरब डॉलर रहा। भारत ने 2021-22 के दौरान विश्व के 150 से अधिक देशों को गैर-बासमती चावल का निर्यात किया। 

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