भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बुधवार को घोषणा की कि वह वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान ₹20,000 करोड़ तक की राशि घरेलू निवेशकों से जुटाएगा। यह फंड रेजिंग बेसल II मानकों के मुताबिक, अतिरिक्त टियर-1 (AT-1) और टियर-2 बॉन्ड के माध्यम से की जाएगी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, एसबीआई ने शेयर बाजार को दी गई जानकारी में बताया कि बैंक के निदेशक मंडल ने भारतीय रुपये में बॉन्ड जारी कर पूंजी जुटाने की मंजूरी दे दी है। इन बॉन्ड्स की बिक्री घरेलू बाजार में की जाएगी। जरूरत पड़ी तो इसके लिए भारत सरकार की पूर्व स्वीकृति भी ली जाएगी। बॉन्ड एक लोन पत्र होता है। इसमें बैंक पैसा उधार लेता है और बदले में ब्याज देने का वादा करता है।
बेसल III क्या है
खबर के मुताबिक, बेसल III एक वैश्विक बैंकिंग नियामकीय ढांचा है, जिसे 2008 के वित्तीय संकट के बाद तैयार किया गया था। इसका उद्देश्य बैंकों की पूंजीगत स्थिति को मजबूत करना और भविष्य में संभावित आर्थिक अस्थिरताओं से बचाव सुनिश्चित करना है। यह कदम SBI की पूंजी आधार को मजबूत करने और ऋण वितरण क्षमता बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है।
लाभांश देने के प्रस्ताव पर विचार
एचडीएफसी बैंक ने भी आज घोषणा की कि उसका निदेशक मंडल आगामी 19 जुलाई, 2025 को होने वाली बैठक में बोनस शेयर जारी करने और विशेष अंतरिम लाभांश देने के प्रस्ताव पर विचार करेगा। बैंक की इस घोषणा के बाद उसके शेयर में तेजी देखी गई। बैंक ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि निदेशक मंडल वित्त वर्ष 2025-26 के लिए विशेष अंतरिम डिविडेंड और शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन बोनस शेयर जारी करने के प्रस्ताव पर चर्चा करेगा।
बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ शशिधर जगदीशन ने हाल ही में जारी 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट में भरोसा जताया था कि चालू वित्त वर्ष में बैंक की ऋण वृद्धि इंडस्ट्री के समान स्तर पर रहेगी, जबकि अगले साल वह इससे आगे निकलने की स्थिति में होगा।



































