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बाजार धड़ाम! इस महीने 2400 अंक टूट गया सेंसेक्स, 2023 के लिए आई बड़ी चेतावनी

भारतीय इक्विटी बाजारों के मजबूत फंडामेंटल के बावजूद संस्थागत निवेशक प्रीमियम वैल्यूएशन को लेकर चिंतित हैं। जबकि मंदी अंतरराष्ट्रीय इक्विटी बाजारों के लिए एक नया डर है

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: December 20, 2022 17:00 IST
Sensex down 2,000 points this month - India TV Paisa
Photo:PTI Sensex down 2,000 points this month

भारतीय शेयर बाजार ने 2022 में शानदार रिटर्न दिया है। सेंसेक्स इस साल 63500 का उच्चतम स्तर छू कर लौटा है। लेकिन बीता एक महीना शेयर बाजार के लिए बहुत बुरा साबित हुआ है। कमजोर वैश्विक इक्विटी के साथ भारतीय शेयर बाजारों में आज भारी गिरावट आई है। 1 दिसंबर को 63,583 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद से सेंसेक्स लगभग 2,000 अंक लुढ़क चुका है। 

जानकारों के अनुसार मौद्रिक नीति को लेकर रिजर्व बैंक के सख्त रुख से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। वहीं अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा बढ़ाई जा रही ब्याज दरों के बावजूद महंगाई का उच्च स्तर पर बना रहना निवेशकों के भरोसे को डिगा रहा है। मार्केट रिसर्च के अनुसार वैश्विक बाजारों में बिकवाली का दौर यूएस फेड की आक्रामक नीति के चलते देखा जा रहा है। 

भारतीय इक्विटी बाजारों के मजबूत फंडामेंटल के बावजूद संस्थागत निवेशक प्रीमियम वैल्यूएशन को लेकर चिंतित हैं। जबकि मंदी अंतरराष्ट्रीय इक्विटी बाजारों के लिए एक नया डर है, निकट अवधि में उच्च ब्याज दरें एक प्रमुख चिंता हैं। वहीं चीन में, COVID मामलों में वृद्धि भी कई निवेशकों के माथे पर बल ला रही है। कई विशेषज्ञ 2023 में सचेत रहने की चेतावनी दे रहे हैं। माना जा रहा है कि अमेरिका में महंगाई को थामने की फेडरल रिजर्व की कोशिश देश को जिद्दी मंदी के भंवर में न फंसा दे। 

दूसरी ओर चीन में कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। चीन द्वारा शून्य COVID नीति के तहत कड़े प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद COVID के मामलों और इससे संबंधित मौतों की संख्या बढ़ रही है। दुनिया के लिए नए वेरिएंट का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में इक्विटी बाजार बहुत फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं। 

2023 के लिए चेतावनी जारी 

धीमी अर्थव्यवस्था और घटती मुद्रास्फीति जिसका अर्थ है कि फेड 2023 में दर वृद्धि रोक सकता है। इस प्रवृत्ति की पुष्टि से इक्विटी बाजारों में रिकवरी देखी जा सकती है। आर्थिक और बाजार संकेतक बताते हैं कि 2023 में भी भारत का बेहतर प्रदर्शन जारी रह सकता है। चूंकि मूल्यांकन अधिक है ऐसे में अगले साल को लेकर निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसे में जरूरी है कि निवेशक 2023 में इक्विटी के अलावा, निश्चित आय संपत्ति और सोना अपने पोर्टफोलियो में जरूर रखें। 

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