Tuesday, December 10, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Home-Car लोन पर बढ़ी EMI से कब मिलेगी राहत? RBI गवर्नर शक्तिकान्त दास ने दी खुश करने वाली जानकारी

Home-Car लोन पर बढ़ी EMI से कब मिलेगी राहत? RBI गवर्नर शक्तिकान्त दास ने दी खुश करने वाली जानकारी

महंगाई को काबू में लाने के लिये रिजर्व बैंक पिछले साल मई से इस साल फरवरी तक रेपो दर में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jun 25, 2023 13:29 IST, Updated : Jun 25, 2023 13:29 IST
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास- India TV Paisa
Photo:PTI आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास

होम और कार लोन पर बढ़ी हुई EMI से राहत पाने का इंतजार कर रहे लाखों लोगों के लिए अच्छी खबर है। ब्याज दरों में कटौती को लेकर आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने अहम जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक की ओर से उठाए गए कदमों से खुदरा महंगाई घटी है तथा इसे और कम कर चार प्रतिशत पर लाने के लिये कोशिश जारी है। उन्होंने कहा कि ब्याज दर और मुद्रास्फीति साथ-साथ चलते हैं। इसीलिए अगर मुद्रास्फीति टिकाऊ स्तर पर काबू में आती है, तो ब्याज दर भी कम हो सकती है। यह पूछे जाने पर कि क्या मुद्रास्फीति नीचे आने पर ब्याज दर में कमी आएगी, दास ने कहा, ‘‘उसके बारे में मैं अभी कुछ नहीं कहूंगा। जब मुद्रास्फीति कम होगी, फिर उसके बारे में सोचेंगे। जानकारों का कहना है कि त्योहारी सीजन में रेट कट का तोहफा आरबीआई लोगों को दे सकता है। 

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ी महंगाई

दास ने यहां आरबीआई मुख्यालय में बातचीत में कहा, ‘‘यूक्रेन युद्ध के कारण पिछले साल फरवरी-मार्च के बाद मुद्रास्फीति काफी बढ़ गयी थी। इसके कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिंसों के दाम में तेजी आई। गेहूं और खाद्य तेल जैसे कई खाद्य पदार्थ यूक्रेन और मध्य एशिया क्षेत्र से आते हैं। उस क्षेत्र से आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने से कीमतें काफी बढ़ गयी। लेकिन उसके तुरंत बाद हमने कई कदम उठाये। हमने पिछले साल मई से ब्याज दर बढ़ाना शुरू किया। सरकार के स्तर पर भी आपूर्ति व्यवस्था बेहतर बनाने के लिये कई कदम उठाये गये। इन उपायों से मुद्रास्फीति में कमी आई है और अभी यह पांच प्रतिशत से नीचे है।’’ उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर मई महीने में 25 महीने के निचले स्तर पर 4.25 प्रतिशत पर रही। बीते वर्ष अप्रैल में यह 7.8 प्रतिशत तक चली गयी थी। 

रेपो दर में 2.5% की वृद्धि कर चुका है आरबीआई

महंगाई को काबू में लाने के लिये रिजर्व बैंक पिछले साल मई से इस साल फरवरी तक रेपो दर में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। यह पूछे जाने पर कि लोगों को महंगाई से कब तक राहत मिलेगी, दास ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति तो कम हुई है। पिछले साल अप्रैल में 7.8 प्रतिशत थी और यह अब 4.25 प्रतिशत पर आ गयी है। हम इस पर मुस्तैदी से नजर रखे हुए हैं। जो भी कदम जरूरी होगा, हम उठाएंगे। इस वित्त वर्ष में हमारा अनुमान है कि यह औसतन 5.1 प्रतिशत रहेगी और अगले साल (2024-25) इसे चार प्रतिशत के स्तर पर लाने के लिये हमारी कोशिश जारी रहेगी।’’ आरबीआई को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा महंगाई दर चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। केंद्रीय बैंक नीतिगत दर-रेपो पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। खाद्य वस्तुओं के स्तर पर महंगाई के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ खाद्य पदार्थों के दाम भी कम हुए हैं। एफसीआई खुले बाजार में गेहूं और चावल को जारी करता रहा है। कई मामलों में सीमा शुल्क के स्तर को समायोजित किया गया है। हमने मौद्रिक नीति के स्तर पर नीतिगत दर के मामले में सोच-विचार कर कदम उठाया है। पिछला जो आंकड़ा आया, उसमें खाद्य मुद्रास्फीति में बहुत सुधार आया है।’’ मई में खाद्य मुद्रास्फीति 2.91 प्रतिशत रही जबकि अप्रैल में यह 3.84 प्रतिशत थी। हालांकि, अनाज और दालों की महंगाई बढ़कर क्रमश: 12.65 प्रतिशत और 6.56 प्रतिशत पहुंच गयी। 

महंगाई के स्तर पर कच्चा तेल कोई समस्या नहीं

हाल में गवर्नर ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित दास ने यह भी कहा कि महंगाई के स्तर पर कच्चा तेल कोई समस्या नहीं है। फिलहाल कच्चे तेल के दाम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नरमी आई है और यह अभी 75-76 के डॉलर के आसपास है। महंगाई को काबू में लाने के रास्ते में चुनौतियों के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘दो-तीन चुनौतियां हैं। सबसे पहली चुनौती अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनिश्चितता की है। युद्ध (रूस-यूक्रेन) के कारण जो अनिश्चितताएं पैदा हुई हैं, वह अभी बनी हुई है, उसका क्या असर होगा, वह तो आने वाले समय पर ही पता चलेगा। दूसरा, वैसे तो सामान्य मानसून का अनुमान है लेकिन अल नीनो को लेकर आशंका है। यह देखना होगा कि अल नीनो कितना गंभीर होता है। अन्य चुनौतियां मुख्य रूप से मौसम संबंधित हैं, जिसका असर सब्जियों के दाम पर पड़ता है। ये सब अनिश्चितताएं हैं, जिनसे हमें निपटना होगा।’’ ऊंची ब्याज दर से कर्ज लेने वालों को राहत के बारे में पूछे जाने पर आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘‘ब्याज दर और मुद्रास्फीति साथ-साथ चलते हैं। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement