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क्या अमेरिकी टैरिफ से भारत में प्रभावित होगा रोजगार, एक्सपर्ट्स ने कही ये बातें

टीमलीज सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बालासुब्रमण्यम आनंद नारायणन का मानना है कि नौकरियों के जाने की संभावना फिलहाल नहीं है।

Edited By: Sunil Chaurasia
Published : Aug 18, 2025 10:55 am IST, Updated : Aug 18, 2025 10:55 am IST
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Photo:FREEPIK ज्यादातर घरेलू खपत पर आधारित है भारत की अर्थव्यवस्था

अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ ने भारत में रोजगार को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। कुछ एक्सपर्ट तत्काल नौकरियों के संकट की चेतावनी दे रहे हैं, जबकि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत की घरेलू मांग और व्यापार में विविधता इस प्रभाव को कम करने में मदद करेगी। वर्कफोर्स सॉल्यूशन्स और ह्यूमन रिसोर्सेज सर्विस प्रोवाइडर जीनियस एचआरटेक के फाउंडर और चेयरमैन आर. पी. यादव ने पीटीआई से कहा, ‘‘अमेरिका द्वारा हाल में लगाए गए 25 प्रतिशत के अतिरिक्त टैरिफ का भारत के रोजगार परिदृश्य पर सीधा और व्यापक प्रभाव पड़ने की आशंका है। इसका विशेष रूप से उन उद्योगों पर असर पड़ेगा जो कारोबार की निरंतरता और वृद्धि के लिए अमेरिकी बाजार पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं।’’

कपड़ा उद्योग में 1 लाख से ज्यादा नौकरियों पर संकट

आर.पी. यादव ने कहा कि कपड़ा उद्योग, ऑटोमोबाइल पार्ट्स बनाने वाले, कृषि और रत्न-आभूषण जैसे सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। इसका सबसे बड़ा बोझ सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (MSME) पर पड़ेगा। उनका अनुमान है कि लगभग दो से तीन लाख नौकरियां खतरे में हैं। सिर्फ कपड़ा उद्योग में ही, जो ज्यादा श्रम पर निर्भर है, अगर अगले छह महीने से ज्यादा समय तक ये टैरिफ जारी रहा तो लगभग एक लाख नौकरियां जा सकती हैं। इसी तरह, हीरा और आभूषण उद्योग में भी हजारों नौकरियां खतरे में हैं, क्योंकि अमेरिका में मांग कम हो रही है और लागत बढ़ रही है।’’ 

घरेलू खपत पर आधारित है भारत की अर्थव्यवस्था

हालांकि, टीमलीज सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बालासुब्रमण्यम आनंद नारायणन का मानना है कि नौकरियों के जाने की संभावना फिलहाल नहीं है। उनका कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था ज्यादातर घरेलू खपत पर आधारित है, जबकि चीन की ज्यादा निर्भरता निर्यात पर है। उन्होंने कहा, “फिलहाल हमें न तो सुस्ती के और न ही नौकरी जाने के कोई संकेत दिख रहे हैं। इसका मतलब ये भी है कि हमारी ज्यादातर नौकरियां घरेलू मांग पर आधारित हैं, सिर्फ कुछ सेक्टर जैसे आईटी को छोड़कर। अमेरिका को हमारा निर्यात 87 अरब डॉलर का है, जो हमारे कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 2.2 प्रतिशत है। दवा उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे बड़े क्षेत्र अभी प्रभावित नहीं होंगे। इससे ये असर सीमित होकर कपड़ा, रत्न-आभूषण जैसे उद्योगों तक ही रहेगा।" 

टैरिफ लागू होने से पहले बातचीत होने की संभावना

बालासुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘ये टैरिफ इस महीने के अंत तक लागू होंगे और उससे पहले कुछ बातचीत होने की संभावना है। दूसरी ओर, हमारे लिए कुछ अच्छी खबरें भी रही हैं, जैसे हाल ही में ब्रिटेन और अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) हुए हैं। अगर अमेरिका ये नए टैरिफ लागू भी करता है, तो हम अपने व्यापार को दूसरे बाजारों की ओर मोड़ने या विविध बनाने का रास्ता जरूर निकाल लेंगे। इसलिए फिलहाल हमें नौकरियों में कमी के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। ये स्थिति लगातार बदल रही है और आने वाले समय में हमें और स्पष्टता मिलेगी।" 

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