यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) ने अपने क्षेत्र में बिखरे हुए छोटे-छोटे प्लॉट (भूखंड) को खरीदने की योजना शुरू की है, जिससे सड़क, ड्रेनेज, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और अन्य बुनियादी सुविधाओं के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जा सके। हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, YEIDA अधिकारियों के अनुसार, सेक्टर 5, 5A, 8, 8D, 10, 13, 17, 17A, 18, 20, 21, 22A, 22D, 22E, 28, 29, 32 और 33 में अब तक 80% भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। बाकी की 20% जमीन कानूनी विवादों और स्वामित्व संबंधी जटिलताओं के कारण रुकी हुई है।
सीधे किसानों से बातचीत करेगा अथॉरिटी
खबर के मुताबिक, अब अथॉरिटी सीधे किसानों से बातचीत कर 10 एकड़ के भूखंडों में ज़मीन खरीदने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए सेक्टरवार किसानों की सूची बनाई जा रही है ताकि जल्द से जल्द सहमति बनाकर अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा सके। बताया जा रहा है कि इससे अधूरे प्रोजेक्ट्स को जीवन मिलेगा। खबर के मुताबिक, यीडा के सीईओ आर.के. सिंह ने बताया कि हमारा लक्ष्य सभी सेक्टर्स में 100% भूमि अधिग्रहण करना है, जिससे बसावट और औद्योगिक गतिविधियों को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा सके। यही हमारी प्राथमिकता है।
कई प्रोजेक्ट अब गति पकड़ सकेंगे
सालों से लंबित कई प्रोजेक्ट अब गति पकड़ सकते हैं। सेक्टर 18 और 20 में 2009 से प्लॉट आवंटित किए गए थे, लेकिन आज भी कई आवंटी जमीन का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, सेक्टर 32 और 33 के 115 इंडस्ट्रियल प्लॉट धारक 2013 से प्लॉट का इंतजार कर रहे हैं। अधूरी भूमि खरीद के कारण मेडिकल डिवाइस पार्क (सेक्टर 28) और अपैरल पार्क (सेक्टर 29) के लिए प्रस्तावित STP का निर्माण नहीं हो पाया है। सेक्टर 28 में एक सेमीकंडक्टर यूनिट भी प्रस्तावित है। अधिकारियों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होते ही इन सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाएगा, खासकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चालू होने से पहले।
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन 24 अप्रैल 2001 को उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम, 1976 के तहत किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य यमुना एक्सप्रेसवे के आस-पास के क्षेत्रों में औद्योगिक और शहरी विकास को बढ़ावा देना है।






































