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एक महीने में 70 फीसदी तक गिरे इन शेयरों के भाव, अब क्या करें निवेशक

शिल्पी केबल्स, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज, वैल्यू इंडस्ट्रीज, रिलायंस कॉम्युनिकेशंस और नितिन फायर के शेयर्स एक महीने में 70 फीसदी तक टूट चुके है।

Ankit Tyagi Ankit Tyagi
Published on: June 02, 2017 7:15 IST
एक महीने में 70 फीसदी तक गिरे इन शेयरों के भाव, अब क्या करें निवेशक- India TV Paisa
एक महीने में 70 फीसदी तक गिरे इन शेयरों के भाव, अब क्या करें निवेशक

नई दिल्ली। शिल्पी केबल्स, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज, वैल्यू इंडस्ट्रीज, रिलायंस कॉम्युनिकेशंस और नितिन फायर के शेयर्स एक महीने में 70 फीसदी तक टूट चुके है। मतलब साफ है कि अगर किसी निवेशक ने एक महीने पहले इन शेयरों में निवेश किया होता तो अब तक निवेशित रकम आधी हो जाती। ऐसे में सवाल उठता है कि अब निवशकों को क्या करना चाहिए। इस पर एक्सपर्ट्स कहते है कि शिल्पी केबल्स, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज, रिलायंस कॉम्यूनिकेशंस पर भारी कर्ज है और ये कंपनियां लंबे समय से कर्ज चुकाने में असमर्थ रही है। इसीलिए इन शेयरों में भारी गिरावट है। ऐसे में निवेशकों को इन शेयरों से दूर रहना चाहिए। अगर कोई निवेशित है तो उन्हें तेजी पर बिकवाली करनी चाहिए।यह भी पढ़े: #monsoon2017: मानसून के इस सीजन में आपके पास है इन शेयरों में पैसा बनाने का मौका, ऐसे उठाएं फायदा

70 फीसदी तक टूटे इन कंपनियों के शेयर

मई महीने में सेंसेक्स और निफ्टी ने जहां 3 फीसदी का बड़ा रिटर्न दिया। जबकि, इस दौरान बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 4 फीसदी लुढ़का है। अगर शेयरों की बात करें तो शिल्पी केबल्स 70 फीसदी, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज 63 फीसदी, वैल्यू इंडस्ट्रीज 43 फीसदी, रिलायंस कॉम्युनिकेशंस 40 फीसदी और नीतिन फायर 40 फीसदी लुढक गए है।

वीडियोकॉन का शेयर क्यों टूटा

वीडियोकॉन ने स्टॉक एक्सचेंजों को दी जानकारी में कहा, हमारा मानना है कि हाल में कंपनी के शेयर प्राइस में जो गिरावट आई है, उसकी वजह देना बैंक का वीडियोकॉन के लोन को एनपीए कैटेगरी में डालना हो सकता है।यह भी पढ़े: #monsoon2017: मानसून ऐसे डालता है आपकी जेब पर असर, अच्‍छी बारिश से आपको होते हैं ये 6 फायदे

अब क्या करें निवेशक

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइवेट क्लाइंट ग्रुप के बिजनेस हेड वी के शर्मा ने बताया, जब तक इस कंपनी की कर्ज की मुश्किलें नहीं सुलझतीं, तब तक निवेशकों को इससे दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि देना बैंक के वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के लोन को एनपीए कैटेगरी में डालने के बाद दूसरे सरकारी और प्राइवेट बैंक भी ऐसा कर सकते हैं। इससे कंपनी की हालत और खराब होगी। देना बैंक के वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के 520 करोड़ रुपए के लोन को एनपीए कैटेगरी में डाले जाने के बाद कंपनी ने इस मामले में नेगेटिव पब्लिसिटी का आरोप लगाया है।

रिलायंस कॉम्युनिकेश के शेयर में गिरावट क्यों

44,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज को लेकर चिंता की वजह से रिलायंस कम्युनिकेशंस का शेयर मंगलवार को 18.95 रुपये के ऑल टाइम लो लेवल पर पहुंच गया था। माना जा रहा है कि रिलायंस कॉम्युनिकेशंस (आरकॉम) की हालत क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के अनुमान से कहीं ज्यादा खराब है। अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की यह कंपनी 10 भारतीय बैंकों को लोन की किस्त नहीं चुका पाई है। इनमें से कुछ ने आरकॉम के लोन को अपनी एसेट बुक में ‘स्पेशल मेंशन अकाउंट (एसएमए) कैटेगरी में डाल दिया है। एसएमए एसेट्स वैसे लोन को कहते हैं, जिसमें कर्ज लेने वाले का ब्याज बकाया होता है। अगर तय तारीख के 30 दिनों तक इसका भुगतान नहीं होता तो उसे एसएमए 1 और 60 दिनों के बाद एसएमए 2 कैटेगरी में डाल दिया जाता है। वहीं, अगर 90 दिनों तक ब्याज का भुगतान नहीं होता तो लोन नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) हो जाता है।यह भी पढ़े:इन कंपनियों के मालिकों ने 1.8 लाख करोड़ रुपए के शेयर रखें गिरवी, निवेशक रहें सावधान

कर्ज के बोझ से दबी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के लिए बुरी खबरों का अंत नहीं हो रहा है। मूडीज और केयर के बाद अब फिच ने भी कंपनी की रेटिंग घटा दी है। डिफॉल्ट की आशंका बढ़ने के कारण फिच ने रिलायंस कम्युनिकेशंस की रेटिंग बी+ से घटाकर सीसीसी कर दी है। इस बीच खबर आई है कि कंपनी की खस्ता हालात के बारे में चेयरमैन अनिल अंबानी शुक्रवार को मीडिया से बात करने वाले हैं।

अब क्या करें निवेशक

मायस्टॉकरिसर्च के हेड लोकेश उप्पल का कहना है कि रिलायंस कॉम्युनिकेशंस के शेयर को लेकर लगातार निगेटिव खबरें आ रही है। साथ ही, कंपनी पर कर्ज बोझ काफी ज्यादा है। वहीं, जियो की एंट्री के बाद बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल और आइडिया की भी चिंताएं बढ़ गई है। ऐसे में निवेशकों को इन शेयरों से दूर रहना चाहिए। यह भी पढ़े: SEBI द्वारा नियम सख्‍त किए जाने के बाद, अप्रैल में चार महीने के निचले स्तर पर रहा P-Notes के जरिए निवेश

शिल्पी केबल्स का शेयर क्यों टूटा

शिल्पी केबल्स के शेयर में लगातार एक महीने से गिरावट देखने को मिल रहा है। इस दौरान कंपनी के शेयर का भाव 14 अप्रैल को 232 रुपए था। जो कि अब गिरकर महज 33 रुपए रह गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस गिरावट की मुख्य वजह कंपनी पर कर्जदाता की ओर से कंपनी पर 1 करोड़ डॉलर किया गया मुकदमा है।

अब क्या करें निवेशक

शेयर बाजार के जानकार कहते है कि कंपनी को लेकर आ रही निगेटिव खबरों के चलते शेयर में गिरावट है। लिहाजा निवेशकों को इससे दूरी बनानी चाहिए।#ModiGovernment3Saal: मोदी राज में निफ्टी छुएगा 10 हजार का स्तर, इन चुनिंदा शेयरों में बनेगा पैसा

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