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विदेशी निवेशक क्या Share Market को बर्बाद कर ही छोड़ेंगे? July में अबतक इतने हजार करोड़ निकाले

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में मंदी की आशंका और डॉलर के लगातार मजबूत होने से एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jul 17, 2022 11:40 IST, Updated : Jul 17, 2022 11:40 IST
FPI- India TV Paisa
Photo:FILE FPI

Highlights

  • इस साल अबतक एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों से 2.25 लाख करोड़ रुपये निकाले
  • एफपीआई द्वारा निकासी का आंकड़ा 2008 की आर्थिक मंदी से भी काफी अधिक
  • जून में एफपीआई ने भारतीय शेयरों से 50,203 करोड़ रुपये निकाले थे

Stcok Market News: विदेशी निवेशक जिस तरह से भारतीय शेयर मार्केट से पैसा निकाल रहे हैं, उसको देखकर तो यही लग रहा है कि वे Stcok Market को बर्बाद कर ही दम लेंगे! इस महीने अबतक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) शेयर बाजारों से 7,400 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी कर चुके हैं। इससे पहले जून में एफपीआई ने भारतीय शेयरों से 50,203 करोड़ रुपये निकाले थे। वहीं, इस साल अबतक एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों से 2.25 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं, जो रिकॉर्ड स्तर है। विदेशी निवेशकों द्वारा निकासी का आंकड़ा 2008 की आर्थिक मंदी से भी काफी अधिक है। 

मंदी की आशंका से एफपीआई डरे 

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में मंदी की आशंका और डॉलर के लगातार मजबूत होने से एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं। इससे पहले जून में एफपीआई ने भारतीय शेयरों से 50,203 करोड़ रुपये निकाले थे। मॉर्निंग स्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, हालांकि, एफपीआई की बिकवाली की रफ्तार धीमी हुई है, लेकिन चीजें बहुत बदली नहीं हैं। ऐसे में यह उनके रुख में बदलाव का संकेतक नहीं है। पिछले लगातार नौ माह से विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में बिकवाल बने हुए हैं। 

अभी आगे भी हालात ठीक होने की उम्मीद नहीं 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘विदेशी विनिमय बाजार को लेकर अनिश्चितता और डॉलर के लगातार मजबूत होने से इस बात की संभावना कम है कि एफपीआई आक्रामक तरीके से भारतीय बाजार में लिवाली करेंगे। ऊंचे स्तर पर वे फिर बिकवाल बन सकते हैं। कोटक सिक्योरिटीज के प्रमुख इक्विटी शोध (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा कि आगे चलकर एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव कायम रहेगा। 

इस साल अबतक 2.25 लाख करोड़ की निकासी 

भूराजनीतिक जोखिम, बढ़ती मुद्रास्फीति और केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक रुख को सख्त किए जाने से एफपीआई उभरते बाजारों में बिकवाल बने रहेंगे। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 15 जुलाई के दौरान एफपीआई ने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से 7,432 करोड़ रुपये निकाले हैं। जून में एफपीआई ने 50,203 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। यह मार्च, 2020 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। उस समय एफपीआई ने 61,973 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। इस साल अबतक एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों से 2.25 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं, जो रिकॉर्ड स्तर है। इससे पहले 2008 के पूरे साल में उन्होंने 52,987 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। इसके अलावा समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से 879 करोड़ रुपये निकाले हैं।

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