Tuesday, April 29, 2025
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अमेरिकी डॉलर पर दहाड़ा रुपया, 9 जनवरी के बाद सबसे टॉप लेवल के करीब, जानें लेटेस्ट वैल्यू

एक्सपर्ट का मानना है कि किसी भी तेजी से व्यापारियों के लिए बिकवाली के अवसर पैदा हो सकते हैं, जबकि बाजार की स्थितियों में अनुकूल बदलाव से रुपया 85.50 की तरफ बढ़ सकता है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Mar 24, 2025 13:44 IST, Updated : Mar 24, 2025 13:44 IST
रुपया बाहरी झटकों, खासकर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील बना हुआ है।
Photo:INDIA TV रुपया बाहरी झटकों, खासकर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील बना हुआ है।

भारतीय रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सोमवार को और मजबूत होकर 85.90 पर पहुंच गया। 9 जनवरी 2025 के बाद से रुपया का यह सबसे हाई लेवल की तरफ बढ़ रहा है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया डॉलर के मुकाबले 85.93 पर खुला, फिर कुछ बढ़त के साथ 85.86 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद से 12 पैसे अधिक है। शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 38 पैसे बढ़कर 85.98 पर बंद हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि रुपये की तेजी, जिसने इसे इस महीने सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली प्रमुख एशियाई मुद्रा बना दिया है। विदेशी निवेश और स्थिति में सुधार ने रुपये को बढ़ावा दिया है, जो लगभग चार वर्षों में अपने सर्वश्रेष्ठ मासिक प्रदर्शन के लिए तैयार है।

रुपया बाहरी झटकों के प्रति संवेदनशील बना हुआ

पीटीआई की खबर के मुताबिक, सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पबारी ने कहा कि हालिया बढ़त के बावजूद, रुपया बाहरी झटकों, खासकर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील बना हुआ है। मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के कारण ब्रेंट क्रूड 72 डॉलर प्रति बैरल की ओर बढ़ गया।

इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को शुद्ध आधार पर 7,470. 36 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। इनफ्लो मुख्य रूप से FTSE मार्च समीक्षा और मजबूत फंड जुटाने की गतिविधियों से प्रेरित था। सरकारी उद्यमों ने 14,000 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि भारतीय राज्यों ने ऋण बिक्री के माध्यम से 40,100 करोड़ रुपये जुटाए।

इन वजहों से मजबूत हुआ रुपया

विदेशी निवेश में सुधार और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, डॉलर इंडेक्स में गिरावट के कारण मार्च में अब तक मुद्रा में 1.83 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, जानकार कहते हैं कि किसी भी तेजी से व्यापारियों के लिए बिकवाली के अवसर पैदा हो सकते हैं, जबकि बाजार की स्थितियों में अनुकूल बदलाव से रुपया 85.50 के स्तर की ओर बढ़ सकता है।

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