
RBI: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शनिवार को कहा कि बाजार ताकतें (मांग और आपूर्ति) अमेरिकी डॉलर के संबंध में रुपये का मूल्य तय करती हैं और केंद्रीय बैंक मुद्रा मूल्य में दिन-प्रतिदिन के उतार-चढ़ाव को लेकर चिंतित नहीं है। मल्होत्रा ने रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केंद्रीय बैंक मध्यम से लंबी अवधि में रुपये के मूल्य पर ध्यान केंद्रित करता है। आरबीआई गवर्नर ने मूल्य वृद्धि पर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्यह्रास के प्रभाव पर कहा कि पांच प्रतिशत मूल्यह्रास घरेलू मुद्रास्फीति को 0.30 से 0.35 प्रतिशत की सीमा तक प्रभावित करता है।
आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति ध्यान में
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति अनुमानों पर काम करते समय मौजूदा रुपया-डॉलर दर को ध्यान में रखा है। सीतारमण ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नए आयकर प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और उन्हें उम्मीद है कि आने वाले सप्ताह में इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा। इसके बाद इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई और सरकार मुद्रास्फीति तथा आर्थिक वृद्धि सहित सभी मोर्चों पर समन्वित तरीके से मिलकर काम करेंगे।
जनता के हितों को पूरा करने वाली सरकार बने
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि दिल्ली को एक ऐसी सरकार मिले, जो अपने लोगों की सेवा करे और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करे। उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जारी मतगणना के आए रुझानों से अब लगभग स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने जा रही है। वोटों की गिनती अभी जारी है। सीतारमण ने भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की 613वीं बैठक को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समय की मांग है कि भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक ऐसी सरकार होनी चाहिए जो अपने लोगों के हितों के लिए काम करे और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करे।