Monday, April 28, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बाजार
  4. शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म? शेयर बाजार में कहां निवेश करते हैं भारतीय- NSE चीफ ने किया बड़ा खुलासा

शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म? शेयर बाजार में कहां निवेश करते हैं भारतीय- NSE चीफ ने किया बड़ा खुलासा

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि ज्यादातर भारतीय लॉन्ग टर्म यानी लंबी अवधि के इंवेस्टर हैं। उन्होंने कहा कि 11 करोड़ बाजार भागीदारों में सिर्फ 2 प्रतिशत ही सक्रिय रूप से वायदा-विकल्प (F&O) में कारोबार करते हैं।

Edited By: Sunil Chaurasia
Published : Mar 18, 2025 18:32 IST, Updated : Mar 18, 2025 18:32 IST
share market, stock market, share market investors, stock market investors, indian share market inve
Photo:PTI सिर्फ 2 प्रतिशत निवेशक ही F&O में एक्टिव

Indian Share Market Investors: बीते कुछ सालों में भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों की संख्या में अचानक तेज उछाल आया है। खास बात ये है कि शेयर बाजार में आने वाले नए निवेशकों में आम लोगों की संख्या काफी ज्यादा है और इनमें महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। भारतीय बाजार में घरेलू निवेशकों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों का भी बहुत पैसा लगा हुआ है। हालांकि, विदेशी निवेशकों द्वारा की जा रही भयंकर बिकवाली की वजह से भारतीय बाजार अभी काफी बुरे दौर से गुजर रहा है। लेकिन इसी बीच एक ऐसी बात सामने आई है, जिसे जानकर आपको हैरानी हो सकती है।

सिर्फ 2 प्रतिशत भारतीय निवेशक ही F&O में एक्टिव

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि ज्यादातर भारतीय लॉन्ग टर्म यानी लंबी अवधि के इंवेस्टर हैं। उन्होंने कहा कि 11 करोड़ बाजार भागीदारों में सिर्फ 2 प्रतिशत ही सक्रिय रूप से वायदा-विकल्प (F&O) में कारोबार करते हैं। इससे देश में अनुशासित, टिकाऊ निवेश की बढ़ती संस्कृति का संकेत मिलता है। सिंगापुर में हाल ही में एक समूह चर्चा में उन्होंने इस धारणा को खारिज किया कि भारत का शेयर बाजार मुख्य रूप से सट्टा व्यापार से प्रेरित है। 

अर्थशास्त्र को नाश्ते की तरह खा जाती है भू-राजनीति

एनएसई ने एक बयान में कहा कि इस दौरान आशीष कुमार चौहान ने उभरते वित्तीय परिदृश्य, प्रौद्योगिकी संचालित पूंजीवाद के उदय और वैश्विक बाजारों की बढ़ती जटिलताओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने वित्तीय स्थिरता पर पारंपरिक नजरिये को फिर से परिभाषित किया, जिसके मुताबिक अस्थिरता कोई कमजोरी नहीं, बल्कि आर्थिक प्रगति की एक अंतर्निहित विशेषता है। चौहान ने कहा कि बाजार में व्यवधान अक्सर विशुद्ध रूप से आर्थिक कारकों के बजाय भू-राजनीतिक बदलावों के चलते होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भू-राजनीति अर्थशास्त्र को नाश्ते की तरह खा जाती है।’’

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Market News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement