ग्लोबल मार्केट में तेजी और शुक्रवार को होने वाली आरबीआई एमपीसी मीटिंग की घोषणाओं को देखते हुए भारतीय शेयर बाजार में 3 दिनों की गिरावट के बाद बुधवार को तेजी देखी गई। बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 261 अंक बढ़कर 80,998.25 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 78 अंक बढ़कर 24,620 पर बंद हुआ। जियोजित इन्वेस्टमेंट के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि मजबूत अमेरिकी रोजगार आंकड़ों और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव कम होने के संकेतों से घरेलू बाजार में सकारात्मक कारोबार हुआ।
बुधवार को अमेरिकी बाजार में दिखी अच्छी रौनक
विनोद नायर ने कहा, "मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया, जो अनुमान से बेहतर इनकम ग्रोथ और वैल्यूएशन में नरमी के कारण हुआ। निवेशक अब आरबीआई एमपीसी मीटिंग पर फोकस कर रहे हैं, जिसमें रेपो रेट में कटौती और भविष्य के ग्रोथ और महंगाई के पूर्वानुमान पर स्पष्टता की उम्मीद है।" बुधवार को टेक शेयरों में मजबूती की वजह से अमेरिकी बाजारों में तेजी देखने को मिली, जिससे कमजोर आर्थिक आंकड़ों के कारण आई गिरावट की भरपाई हुई।
यूरोपियन मार्केट में भी दिखी सकारात्मक हलचल
मई में लगभग एक साल में पहली बार सर्विस सेक्टर में दबाव देखा गया, जबकि बिजनेस ने उच्च इनपुट कीमतों का भुगतान किया, इससे मालूम चलता है कि अर्थव्यवस्था अभी भी बहुत धीमी वृद्धि और उच्च मुद्रास्फीति की अवधि का अनुभव करने के जोखिम में थी। बुधवार को यूरोपीय शेयर बढ़त के साथ बंद हुए, जो बर्लिन द्वारा विकास को गति देने के उद्देश्य से 46 बिलियन यूरो ($53 बिलियन) के कॉर्पोरेट टैक्स राहत पैकेज को मंजूरी दिए जाने से उत्साहित थे।
आरबीआई के रेपो रेट पर निवेशकों का फोकस
एलकेपी सिक्योरिटीज के सीनियर टेक्निकल ऐनालिस्ट रूपक डे ने कहा कि निफ्टी में सुस्ती जारी है, क्योंकि कारोबारी आरबीआई की ब्याज दर के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को घोषणा तक बाजार में एक और सत्र के लिए उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है। रूपक डे ने कहा, "निफ्टी का सपोर्ट 24,500 पर रखा गया है, अगर निफ्टी गिरकर इस लेवल से नीचे जाता है तो और कमजोरी आ सकती है। ऊपरी लेवल पर इसे 24,750 और 24,900 के बीच देखा जा सकता है।"
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