
भारतीय शेयर बाजार का बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स में आज 1,200 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स हैवीवेट रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक और जोमैटो में भारी गिरावट के बाद 23,100 के स्तर से नीचे बंद हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद पड़ोसी देशों पर व्यापार शुल्क लगाने की घोषणा के बाद निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई, जिससे बाजार में इतनी बड़ी गिरावट आई। अगर आप भी शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो मन यह धारणा जरूर होगी कि क्या बाजार में अभी और गिरावट आएगी? अगर आएगी तक कहां तक टूट सकता है निफ्टी? बाजार में इतनी बड़ी गिरावट की वजह क्या है? आइए आपके सभी सवालों के जवाब देते हैं।
भारतीय बाजार में गिरावट की 5 बड़ी वजह
1. डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता
ट्रंप ने राष्ट्रपति का पद संभालते ही कई घोषणाएं कीं, जिनमें कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगाना भी शामिल है। ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। उनकी विजा नीतियों का असर भारतीय तकनीकी क्षेत्र पर भी पड़ सकता है। आपको बता दें कि ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। भारत पर भी उनकी टेढ़ी नजर है। इसका असर आज भारतीय बाजार पर देखने को मिला।
2. केंद्रीय बजट 2025 से पहले सर्तक रुख
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार, 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। ट्रंप के बाद अब निवेशकों की नजर बजट पर है। इस बार उम्मीदें बहुत ज़्यादा हैं कि सरकार खपत को बढ़ावा देने, ग्रामीण क्षेत्र को मज़बूत करने और विनिर्माण और बुनियादी ढांचे को समर्थन देने के उपायों की घोषणा करेगी, साथ ही राजकोषीय घाटे को बढ़ने नहीं देगी। उम्मीदों में कोई भी निराशा पहले से ही कमज़ोर बाज़ार की धारणा को और झटका दे सकती है। इसका असर भी बाजार पर हुआ।
3. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
अमेरिकी डॉलर में मजबूती और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाला जा रहा है। यह हाल के महीनों में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का एक प्रमुख कारण है। 2 जनवरी को छोड़कर, एफपीआई जनवरी में हर दिन भारतीय इक्विटी बेच रहे हैं, 20 जनवरी तक उन्होंने लगभग ₹51,000 करोड़ की बिकवाली की है।
4. तीसरी तिमाही में कमजोर नतीजे
कंपनियों की पहली और दूसरी तिमाही की आय में कमी के बाद, दिसंबर तिमाही की आय में भी अब तक कोई खास सुधार नहीं हुआ है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में मिश्रित रुझान देखने को मिले हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आय के मोर्चे पर निराशा के कारण बाजार की धारणा कमजोर बनी हुई है। यह भी बाजार को नीचे धकेल रहा है।
5. भारतीय अर्थव्यस्था में कमजोरी के संकेत
भारतीय अर्थव्यवस्था में कमजोरी के संकेत दिख रहे हैं, जिससे बाजार में सतर्कता का माहौल है। जीडीपी की रफ्तार सुस्त होकर दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। बाजार में मांग में वृद्धि नहीं है। यह भी बाजार की धारणा को प्रभावित कर रहा है।
बाजार में अभी गिरावट की आशंका
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान के अनुसार, आज बेंचमार्क सूचकांकों में तेजी से गिरावट आई। निफ्टी 320 अंक नीचे बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 1235 अंक नीचे आया। सेक्टरों में, सभी प्रमुख क्षेत्रीय सूचकांक लाल निशान में बंद हुए, लेकिन रियल्टी इंडेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट आई, जो 4 प्रतिशत से अधिक थी। टेक्निकल रूप से, एक गैप-अप ओपनिंग के बाद, बाजार को लगातार हायर लेवल पर बिकवाली का सामना करना पड़ा। हमारा मानना है कि, जब तक बाजार 23, 100/76000 से नीचे कारोबार करेगा, तब तक कमजोरी बनी रहेग। नीचे की ओर, बाजार 22,900/75500 तक गिर सकता है। आगे भी कमजोरी जारी रहने की संभावना है, जो बाजार को 22850/75300 तक खींच सकती है। हालांकि, 23100/76000 से ऊपर, बाजार वापस उछल सकता है, और 23,250-23,300/76400-76500 की ओर बढ़ सकता है। वर्तमान बाजार की बनावट अस्थिर है।
निवेशकों के आज ₹7 लाख करोड़ डूबे
भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली से आज निवेशकों की 7.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति स्वाहा हो गई, क्योंकि बीएसई-सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र के 431.6 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 424.5 लाख करोड़ रुपये रह गया।