
इजरायल-ईरान युद्ध के बाजवूद भारतीय शेयर बाजार में पिछले हफ्ते अच्छी तेजी रही थी। हालांकि, अब दोनों देशों के बीच भीषण युद्ध हो रहा है। इसमें अमेरिका भी शामिल हो गया है। आने वाले दिनों में युद्ध विनाशकारी होने की आशंका जताई जा रही है। सोमवार से शुरू हो रहे नए हफ्ते में इसका असर दुनिया समेत भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिल सकता है। मार्केट एक्सपर्ट ने यह राय जताई है। एक्सपर्ट के मुताबिक, इजरायल-ईरान युद्ध और इसके वैश्विक आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभाव से बाजार की दिशा तय होगी। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों पर भी सभी की निगाह रहेगी। एक्सपर्ट का कहना है कि इजरायल-ईरान युद्ध और विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों से भी बाजार की धारणा प्रभावित होगी। बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है।
कच्चे तेल में उछाल का असर दिखेगा
एक मार्केट एक्सपर्ट ने कहा कि बीते सप्ताह पश्चिम एशिया के संघर्ष और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल को नजरअंदाज करते हुए स्थानीय शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि.के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह वैश्विक संकेतक बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। इसमें ईरान और इजरायल के बीच भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी आर्थिक आंकड़े और फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की टिप्पणियों पर सभी की निगाह रहेगी। उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर निवेशक मानसून की प्रगति, मासिक अनुबंधों के निपटान से संबंधित अस्थिरता, कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 1,046.30 अंक या 1.29 प्रतिशत बढ़कर 82,408.17 अंक पर बंद हुआ। 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 319.15 अंक या 1.29 प्रतिशत चढ़कर 25,112.40 अंक पर पहुंच गया।
बाजार में तेज उतार-चढ़ाव संभव
जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि भू-राजनीतिक अभी अनिश्चितता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि निवेशक अमेरिका के आगामी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर और पीसीई (व्यक्तिगत उपभोग खर्च) के आंकड़ों पर भी कड़ी नज़र रखेंगे। इसके अलावा उनकी निगाह भारत के खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के आंकड़ों पर भी रहेगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख-शोध, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि आगे की ओर देखें तो वैश्विक संकेतकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। निवेशक अमेरिका के विनिर्माण और सेवा पीएमआई आंकड़ों के अलावा भू-राजनीतिक मोर्चे पर आगे के घटनाक्रमों पर नजर रखेंगे। एफपीआई की गतिविधियों पर वॉटरफील्ड एडवाइजर्स के वरिष्ठ निदेशक (सूचीबद्ध निवेश) विपुल भोवार ने कहा कि अप्रैल में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की प्रवृत्ति में उलटफेर हुआ तथा मई में इसमें काफी मजबूती आई।
मई में दर्ज किया गया निवेश पिछले आठ महीनों में सबसे अधिक रहा, जो भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों की बढ़ती रुचि को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष सहित अन्य भू-राजनीतिक घटनाक्रमों की वजह से जून में बाजार में सतर्कता के साथ आशावादी रुख देखने को मिल रहा है।