Monday, April 28, 2025
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प्रदूषण बढ़ने पर मजदूरों को मिलेगा मुआवजा, देश की पहली AQI आधारित इंश्योरेंस पॉलिसी लॉन्च

मजदूरों को क्लेम उन परिस्थितियों में मिलेगा, जब AQI लगातार पांच दिनों में से कम से कम तीन दिनों के लिए 400 से ऊपर रहता है, इस परिस्थिति को 'स्ट्राइक' के रूप में परिभाषित किया गया है। पॉलिसी में प्रत्येक स्ट्राइक के बीच कम से कम 25 दिनों का अंतर होना चाहिए।

Written By: Sunil Chaurasia
Published : Feb 26, 2025 12:10 IST, Updated : Feb 26, 2025 12:10 IST
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Photo:PTI तय किए गए पैरामीटर टच होते ही मिल जाएंगे क्लेम के पैसे

दिल्ली-एनसीआर में काम करने वाले कंस्ट्रक्शन मजदूरों के लिए एक अच्छी खबर आई है। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का लेवल बढ़ने पर कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी जाती है, ऐसे में दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब प्रदूषण की वजह से काम बंद होने पर मजदूरों की दिहाड़ी नहीं मारी जाएगी। जी हां, गो डिजिट ने के.एम. दस्तूर रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स के साथ मिलकर एक खास इंश्योरेंस स्कीम लॉन्च की है। ये इंश्योरेंस स्कीम देश की पहली AQI आधारित स्कीम है, जो हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर मजदूरों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगी।

क्या होंगे इंश्योरेंस पॉलिसी के नियम

इस इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत अगर एक दिन में AQI का लेवल दो बार से ज्यादा 400 के पार पहुंचता है तो क्लेम का पेमेंट ऑटोमैटिकली शुरू हो जाएगा। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि मजदूरों को क्लेम उन परिस्थितियों में मिलेगा, जब AQI लगातार पांच दिनों में से कम से कम तीन दिनों के लिए 400 से ऊपर रहता है, इस परिस्थिति को 'स्ट्राइक' के रूप में परिभाषित किया गया है। पॉलिसी में प्रत्येक स्ट्राइक के बीच कम से कम 25 दिनों का अंतर होना चाहिए। क्लेम की स्थिति में, कंस्ट्रक्शन मजदूरों को होने वाले सैलरी के नुकसान की भरपाई के लिए 6000 रुपये तक मिल जाएंगे।

तय किए गए पैरामीटर टच होते ही मिल जाएंगे क्लेम के पैसे

ये एक पैरामेट्रिक इंश्योरेंस पॉलिसी होगी, जिसमें नुकसान का आकलन नहीं किया जाता, बल्कि पहले से तय किए गए पैरामीटर जैसे हवा की गुणवत्ता (AQI) के आधार पर किया जाता है। पैरामेट्रिक पॉलिसी में क्लेम सैटलमेंट का प्रोसेस काफी तेजी से होता है क्योंकि इसमें तय किए गए पैरामीटर जैसे ही पूरे होते हैं, इंश्योर्ड व्यक्ति को क्लेम की राशि ऑटोमैटिकली मिल जाती है। इस इंश्योरेंस पॉलिसी से दिल्ली और एनसीआर में काम करने वाले हजारों प्रवासी मजदूरों को फायदा मिलेगा, जिनके पूरे परिवार का जीवन दिहाड़ी मजदूरी पर ही निर्भर करता है। इस इंश्योरेंस पॉलिसी से मजदूरों की एक बहुत बड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा।

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