
शेयर बाजार में तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा डगमगाया नहीं है। एमएफ निवेशक लगातार म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर रहे हैं। हां, एक बदलाव जरूर देखने को मिल रहा है कि अब निवेशक पहले से अधिक समझदारी से निवेश कर रहे हैं। वो निवेश से पहले फंड के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं और फिर पैसा डाल रहे हैं। हाल के दिनों में एक ट्रेंड देखने को मिला है कि म्यूचुअल फंड निवेशक इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सहित पैसिव फंड में जमकर निवेश कर रहे हैं। इसके चलते इन फंड्स का फोलियो यानी खाता संख्या 37 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं, कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट 24% से ज्यादा बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है।
2024 में 122 स्कीम लॉन्च की गई
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, म्यूचुअल फंड हाउस ने 2024 में कुल 122 नई पैसिव फंड स्कीम लॉन्च कीं। फंड इंडस्ट्री में सबसे प्रमुख कंपनियों में निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के पास अब पैसिव फंडों में 1.46 करोड़ फोलियो हैं। इसका एयूएम 1.65 लाख करोड़ रुपये है और ईटीएफ के ट्रेडिंग वॉल्यूम का 55% बड़ा हिस्सा है। कोटक म्यूचुअल फंड, एक्सिस और मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड जैसे अन्य फंड हाउसों ने भी पैसिव फंड में बेहतर वृद्धि दर्ज की है।
क्या होता है पैसिव फंड?
पैसिव फंड, म्यूचुअल फंड का एक प्रकार है। इसमें एक ऐसे पोर्टफोलियो में निवेश किया जाता है, जो निफ्टी और सेंसेक्स आदि जैसे मार्केट इंडेक्स की नकल करते हैं। पैसिव फंड (Passive Fund) अपने पैसे का निवेश बेंचमार्क इंडेक्स के मुताबिक करता है। इसलिए इस फंड को मैनेज करने के लिए किसी फंड मैनेजर की जरूरत नहीं पड़ती है। उदाहरण के लिए अगर किसी पैसिव फंड का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 है तो वह फंड सिर्फ निफ्टी 50 में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करेगा। सेसेंक्स 30, निफ्टी 50 में उनके वजन के अनुपात में पैसिव फंड का पैसा निवेश होता है। पैसिव फंड में मैनेजर की सक्रिय भूमिका नहीं होती
निवेशकों के लिए समझाना आसान
निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के ईटीएफ प्रमुख अरुण सुंदरेसन कहते हैं, पैसिव एक दिलचस्प ऑफरिंग बनाता है। फंड बाजार के विभिन्न हिस्सों में बेहतर एक्सपोजर प्रदान करते हैं, जिससे वे सच्चे, सही लेबल उत्पाद बन जाते हैं। बहुत सारे अनूठे फंड हैं, जो निवेशकों को चुनने के लिए बहुत अलग पोर्टफोलियो और विभिन्न प्रकार के जोखिम-रिटर्न प्रोफाइल प्रदान करते हैं। इस कैटेगरी के फंड को चुनने में निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए अन्य म्यूचुअल फंड कंपनियों ने भी कई पैसिव फंड लॉन्च किए हैं। पैसिव फंडों ने भी निवेशकों को आकर्षित किया है क्योंकि उनकी एक्सपेंस रेश्यो काफी कम होता है। साथ ही निवेशकों के लिए इसे समझना आसान होता है, जिससे वे रिटेल और अनुभवी दोनों निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाते हैं।