Saturday, December 20, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. टैक्स
  4. TAX चुकाने वालों के लिए अहम खबर, इस कटौती का दावा करने की नहीं मिलेगी परमिशन

TAX चुकाने वालों के लिए अहम खबर, इस कटौती का दावा करने की नहीं मिलेगी परमिशन

सीबीडीटी ने नोटिफाई किया कि चार निर्दिष्ट कानूनों के तहत उल्लंघन या चूक के संबंध में शुरू की गई कार्यवाही को निपटाने के लिए किए गए किसी भी व्यय को व्यवसाय या पेशे के मकसद से किया गया नहीं माना जाएगा।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Apr 24, 2025 07:22 pm IST, Updated : Apr 24, 2025 07:22 pm IST
सीबीडीटी ने वित्त अधिनियम, 2024 के जरिये कानून में बदलाव किए।- India TV Paisa
Photo:PIXABAY सीबीडीटी ने वित्त अधिनियम, 2024 के जरिये कानून में बदलाव किए।

अगर आप टैक्सपेयर हैं तो आपके लिए ये खबर मायने रखती है। दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को कहा कि करदाताओं को सेबी और प्रतिस्पर्धा एक्ट सहित चार कानून के तहत शुरू की गई प्रोसिडिंग को निपटाने के लिए किए गए खर्च के लिए कटौती करने की परमिशन नहीं दी जाएगी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, 23 अप्रैल को जारी एक नोटिफिकेशन में बताया गया है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अधिसूचित किया कि चार निर्दिष्ट कानूनों के तहत उल्लंघन या चूक के संबंध में शुरू की गई कार्यवाही को निपटाने के लिए किए गए किसी भी व्यय को व्यवसाय या पेशे के उद्देश्य से किया गया नहीं माना जाएगा। ऐसे खर्च के लिए कोई कटौती या भत्ता नहीं दिया जाएगा।

ये हैं चार कानून

खबर के मुताबिक, ये चार कानून हैं- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992; प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956; डिपॉजिटरी अधिनियम, 1996; और प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002। एकेएम ग्लोबल में टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 37(1) के तहत निपटान भुगतान की कटौती, लंबे समय से न्यायिक बहस का विषय रही है, खासकर आयकर अधिकारी बनाम रिलायंस शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स (पी.) लिमिटेड जैसे मामलों में, जहां सेबी को भुगतान की गई सहमति फीस को व्यावसायिक सुविधा के आधार पर व्यावसायिक व्यय के रूप में परमिशन दी गई थी।

कोई भी व्यय कटौती के लिए पात्र नहीं होगा

सीबीडीटी ने वित्त अधिनियम, 2024 के जरिये कानून में बदलाव किए और अब नोटिफाई किया है कि भारत में या बाहर सेबी अधिनियम, प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, डिपॉजिटरी अधिनियम और प्रतिस्पर्धा अधिनियम सहित विशिष्ट कानूनों के तहत कार्यवाही के निपटान या समझौता करने के लिए किया गया, कोई भी व्यय कटौती के लिए पात्र नहीं होगा।

माहेश्वरी ने कहा कि इससे प्रभावी रूप से पूर्व न्यायाधिकरण के फैसलों को निरस्त कर दिया गया है और टैक्स परिदृश्य में बहुत आवश्यक स्पष्टता आई है, हालांकि फेमा और आरबीआई के निर्देशों जैसे अन्य विनियामक कानूनों के तहत अस्पष्टताएं बनी हुई हैं।

Latest Business News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Tax News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement