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ITR: अगर बदली है नौकरी और मिले हैं दो या दो से अधिक फॉर्म-16 तो इस तरह भरें अपना आयकर रिटर्न

आम तौर पर यह देखने को मिलता है कि नौकरी बदलने के बाद ज्यादातर कर्मचारी फॉर्म-16 लेना भूल जाते हैं। आप यह गलती न करें।

Alok Kumar Edited by: Alok Kumar @alocksone
Published on: June 23, 2022 13:54 IST
ITR- India TV Paisa
Photo:INDIA TV

ITR

Highlights

  • 31 जुलाई 2022 है असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख
  • 15 जून तक नियोक्ताओं के लिए फॉर्म -16 जारी करना अनिवार्य
  • दो या अधिक फॉर्म 16 होने पर टैक्स, एचआरए, एलटीए आदि की गणना में परेशानी होती है

ITR: आयकर रिटर्न भरने का सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में अगर आपने एक वित्तीय वर्ष में दो या उससे अधिक नौकरी बदली है तो अलग-अलग नियोक्ता से आपको 2 या उससे अधिक फॉर्म-16 मिले होंगे। सरकारी सर्कुलर के मुताबिक, कंपनी को 15 जून तक कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी करना अनिवार्य है। वहीं, अगर नियोक्ता ने टीडीएस काटा है तो वह TDS प्रमाणपत्र जारी करेगा। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर आपके पास दो या अधिक फॉर्म-16 हैं तो आप अपना रिटर्न कैसे भरेंगे। आइए, हम आपको बताते हैं कि एक से अधिक फॉर्म-16 होने पर रिटर्न भरने की विधि क्या है?

दो या दो से अधिक फॉर्म-16 हैं तो ऐसे भरें अपना ITR

 

1. सभी नियोकता से फॉर्म-16 ले लें: आम तौर पर यह देखने को मिलता है कि नौकरी बदलने के बाद ज्‍यादातर कर्मचारी फॉर्म-16 लेना भूल जाते हैं। आप यह गलती न करें। आपने जितनी कंपनी में काम किया है उस सभी से फॉर्म-16 ले लें। फॉर्म-16 नहीं होने की स्थिति में टैक्‍स की सहीगणना करना मुश्किल होता है। 

2. सभी आय और देनदारी को जोड़ें: अगर आपके पास दो फॉर्म-16 हैं तो उन दोनों में लिखी हुई सैलरी को जोड़ना होगा। इसी तरह आपको एचआरए और एलटीए (LTA) को भी जोड़ना होगा। यह पता कर लें कि क्या आप एचआरए और एलटीए का दावा करने के हकदार हैं। एलटीए पर टैक्स छूट तभी क्लेम कर सकते हैं अगर आपने वित्त वर्ष के दौरान यात्रा किया होगा और उसका प्रूफ आपने अपने​ नियोक्ता को सौंपा होगा 

3. डबल कर छूट का फायदा नहीं: अगर आपके पास दो फॉर्म-16 हैं तो दोनों पर 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन लिखा होगा। इसका मतलब यह नहीं है कि आप दोनों को जोड़कर 1 लाख रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन ले पाएंगे। आपको एक ही स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। इसके साथ ही धारा 80सी के तहत ही अधिकतम 1.5 लाख रुपये का ही कर छूट मिलेगा। 

4. टैक्स और आय की गणना कर लें: रिटर्न भरने से पहले फॉर्म-16 के जरिये आप अपनी कुल आय और देनदारी की गणना कर लें। इसके बाद देंखे कि आप पर कितना टैक्स बन रहा या नहीं। अगर टैक्स बन रहा है तो उतना जमा कर आप अपना रिटर्न भर दें। कोई भी दिक्कत होने पर सीए की मदद जरूर लें। कोई भी गलत जानकारी नहीं दें। ऐसा करने से बाद में परेशानी आ सकती है। 

5. इस तरह करें टैक्स की गणना करें: टैक्‍स कीगणना करने के लिए पुरानी कंपनी में X महीने में मिली सैलरी और नई कंपनी में Y महीनेमें मिली सैलरी को जोड़े। इसके बाद आपने 80सी और दूसरे कर बचत माध्यम में निवेश की गई राशि को जोड़े। फिर दोनों नियोक्‍ता द्वारा काटे गए टैक्‍स को एक जगह मिलाएं। फिर इनकम टैक्‍स की वेबसाइट जा कर टैक्‍स कलकुलेट करें। अगर, आप पर पिछला कोई बकाया टैक्‍स है तो इनकम टैक्‍स फाइल करने से पहले उसका भुगतान करें। इस तरह आप सही तरीके से अपना इनकम टैक्‍स फाइल कर सकते हैं।

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