General Elections 2024 : इस बार आम चुनाव में खर्चा 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रह सकता है। यह खर्चा 2020 के यूएस इलेक्शन के करीब बराबर है।
बिजली क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम एनटीपीसी ने 2,083 करोड़ रुपये खर्च किए। वित्त मंत्रालय उन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के पूंजीगत व्यय पर नज़र रखता है जिनका वार्षिक निवेश लक्ष्य 100 करोड़ रुपये से अधिक है।
एयरलाइन में कथित कुप्रबंधन के विरोध में चालक दल के सदस्यों के एक वर्ग के ‘बीमार’ होने की सूचना के बाद एयर इंडिया एक्सप्रेस को कई फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ी थीं।
भारत में लग्जरी और प्रीमियम घरों की मांग में पिछले पांच वर्षों में बड़ा उछाल देखने को मिला है। 2019 की पहली तिमाही में बिकने वाली घरों में लग्जरी होम की संख्या 7 प्रतिशत थी, जो कि 2024 की पहली तिमाही में बढ़कर 21 प्रतिशत हो चुकी है।
GDP Growth Rate : श्रम सुधारों को साल 2020 में संसद से मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका है।
लोकसभा चुनाव 2019 सात चरणों में संपन्न हुआ था। पहले चरण की वोटिंग 11 अप्रैल को हुई थी जबकि सातवें चरण की वोटिंग 19 मई को हुई थी। 23 मई को इसके नतीजे घोषित हुए थे। चुनाव शुरू होने से पहले बाजार में बड़ी तेजी देखी गई।
अप्रैल, 2023 से मार्च, 2024 के दौरान आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल का सामूहिक रूप से शुद्ध लाभ तेल संकट से पहले के वर्षों में उनकी 39,356 करोड़ रुपये की वार्षिक कमाई से बेहतर रहा है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने (10 मई तक) अबतक शेयरों से 17,083 करोड़ रुपये निकाले हैं। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई की आक्रामक बिकवाली के कई कारण हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इन 1,873 प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन की मूल लागत 26,87,535.69 करोड़ रुपये थी लेकिन अब इसके बढ़कर 31,88,859.02 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन प्रोजेक्ट्स की लागत 18.65 प्रतिशत यानी 5,01,323.33 करोड़ रुपये बढ़ गई है।
वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के दौरान टॉप 15 व्यापारिक भागीदारों के साथ भारत के व्यापार में काफी बदलाव आया है। इससे न केवल आयात और निर्यात प्रभावित हुआ है।
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