देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो जाएगी। तेजी की वजह घरेलू खपत, नीतिगत मोर्च पर आगे बढ़ना और समकालीन वैश्विक वृद्धि होगी। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.6% रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2019 के लिए उसका आकलन 7.5% वृद्धि रहने का है। इसकी वजह जीएसटी और नोटबंदी से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सुधार होना है।
भारत का दूरसंचार उद्योग रिलायंस जियो के आने के बाद गलाकाट प्रतियोगिता की वजह से घाटे में है, उस पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है और इससे क्षेत्र के निवेशकों, कर्जदाताओं एवं वेंडर्स को नुकसान पहुंच रहा है।
कृषिगत आय पर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल असर के प्रति आगाह करते हुए आर्थिक समीक्षा 2017-18 में कहा गया है कि इससे कृषिगत आय के मध्यम तौर पर 20-25 प्रतिशत तक घटने का जोखिम हो सकता है।
नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी से करदाताओं का दायरा बढ़ा है तथा घरेलू बचत में भी इजाफा हुआ है।
दुनियाभर में सबसे बड़ा ट्रैक्टर उद्योग भारत का ही है और दुनिया में तैयार होने वाले कुल ट्रैक्टर का करीब एक तिहाई हिस्सा भारत में ही तैयार किया जाता है।
सरकार के स्वच्छता कार्यक्रम से स्वास्थ्य एवं आर्थिक प्रभाव पड़ा है और खुले में शौच से मुक्त गांव में प्रति परिवार सालाना 50,000 रुपए की बचत का अनुमान है।
सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है और इसके लिए उसने बीज से लेकर बाजार तक अनेक तरह की पहल की हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण बजट परंपरा का अहम हिस्सा है। हर साल यह वित्तीय रिपोर्ट और सरकार के काम काज का लेखाजोखा वित्त मंत्रालय की ओर से संसद में पेश किया जाता है। जिसे इकोनॉमिक सर्वे भी कहा जाता है।
आर्थिक सर्वे 2017-18 में एक बड़ी दिलचस्प बात सामने आई है। 1 जुलाई 2017 को वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात ऐसे राज्य रहे हैं जहां GST के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या सबसे अधिक रही
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है। जीएसटी लागू होने के बाद पेश हुए पहले सर्वेक्षण में अप्रत्यक्ष करों की वसूली में 50 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान देश की GDP 6.75 प्रतिशत रहने का Economic Survey 2017-18: अनुमान लगाया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण में 2018-19 के दौरान GDP ग्रोथ 7-7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है
बाजार में आज सबसे ज्यादा मजबूती मेटल कंपनियों के शेयरों में देखने को मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सभी बेस मेटल्स की कीमतों में कमजोर डॉलर की वजह से जोरदार तेजी आई है जिस वजह से घरेलू स्तर पर मेटल इंडेक्स भी मजबूत हुआ है।
बजट सत्र का पहला दौर 29 जनवरी से 9 फरवरी के दौरान चलेगा जबकि दूसरा दौर 5 मार्च से 6 अप्रैल तक है, Economic Survey और Budget पहले दौर में ही पेश होंगे
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि 2018 और 2019 में में चीन की वृद्धि दर क्रमश: 6.6 प्रतिशत और 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि भारत में 7.4 और 7.8 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्राइल की कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए और आर्थिक सुधारों का वादा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करने के लिए और आर्थिक सुधार लागू किए जाएंगे।
इस सप्ताह टीसीएस तथा इंफोसिस जैसी आईटी कंपनियों के तिमाही वित्तीय नतीजों के साथ औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) तथा मुद्रास्फीति के आंकड़ों से शेयर बाजार की दिशा तय होगी।
सरकार ने प्रमुख वैश्विक संस्थाओं की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आज कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का रुख सकारात्मक है और वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक विकास दर 7.4 प्रतिशत होने के आसार हैं।
वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब की नई रिसर्च में कहा गया है कि भारतीय आर्थिक असमानता 1980 के बाद से बहुत तेजी से बढ़ी है। इस रिसर्च रिपोर्ट ने भारत सरकार की विभिन्न आर्थिक विकास नीतियों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
एजेसी ने अगले वित्तवर्ष 2018-19 के लिए भी ग्रोथ के अनुमान में 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, और GDP ग्रोथ 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जारी किया है
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