आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि हम वैश्विक विकास में लगभग 18% का योगदान दे रहे हैं, जो अमेरिका (लगभग 11%) से कहीं अधिक है। भारत बहुत अच्छा कर रहा है और आगे और भी बेहतर करेगा।
वर्तमान में विभिन्न बैंकों में ये प्रक्रियाएं अलग-अलग होती हैं। इससे ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मुद्रास्फीति पर गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर लगातार आठवें महीने गिरकर जून में 77 महीने के निचले स्तर 2.1 प्रतिशत पर आ गई।
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर ही स्थिर रखने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर ने इस बार रेपो रेट में किसी भी तरह के बदलाव का ऐलान नहीं किया।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि हम सरकार के साथ मिलकर अपने देश में विकास और मुद्रास्फीति की गतिशीलता को प्रबंधित करने का प्रयास करेंगे। गवर्नर ने यह भी आश्वासन दिया कि केंद्रीय बैंक तेजी से दर कटौती के लिए पर्याप्त तरलता बनाए रखेगा।
घरेलू ब्रोकरेज फर्म एमके ने कहा कि वह फरवरी में दरों में कटौती की संभावना से इनकार नहीं करती है। इसने उल्लेख किया कि मल्होत्रा को नियुक्त करने का फैसला बहुत ही जल्दबाजी में लिया गया, और यह दर्शाता है कि सरकार आरबीआई के शीर्ष पर किसी टेक्नोक्रेट के बजाय किसी नौकरशाह को रखने में सहज है।
वित्त वर्ष के पहले नौ माह में कैड सकल घरेलू उत्पाद के 1.2 प्रतिशत पर रहेगा, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 2.6 प्रतिशत के स्तर पर था।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि इस साल जनवरी में वाणिज्यिक बैंकों के लिए जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा प्रणाली को मजबूत किया गया।
केंद्र सरकार पूर्व में कह चुकी है कि वाहन ईंधन पर करों में कटौती के लिए केंद्र और राज्यों की ओर से सामूहिक कार्रवाई की जरूरत है।
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर को फैलने से रोकने के लिए पूरे महाराष्ट्र में लॉकडाउन है और राष्ट्रीय राजधानी सहित स्थानीय और नाइट कर्फ्यू देश के कई हिस्सों में लागू किया गया है।
उर्जित पटेल ने सितंबर, 2016 को आरबीआई गवर्नर की जिम्मेदारी संभाली थी। वह इस पद पर चार साल तक रहे थे।
बॉम्बे चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए दास ने कहा कि ईंधन के मामले में केंद्र और राज्यों के बीच एक समन्वित कार्यवाही की आवश्यकता है क्योंकि दोनों ही ईंधन पर टैक्स लगाते हैं।
फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वार्षिक कार्यक्रम का वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आरबीआई वित्तीय बाजारों के कामकाज को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंकर ने कहा कि इस समय प्रणाली में पर्याप्त नकदी है और दरों में कटौती को आगे बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में दरों में और कटौती से कोई मकसद पूरा नहीं होगा।
दास ने कहा कि आरबीआई के लिए विकास पहली प्राथमिकता है और वित्तीय स्थिरता भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है।
बैंकों द्वारा अपने धन को रिजर्व बैंक के पास रखने और रिजर्व बैंक द्वारा इस जमा धन पर दिए जाने वाले ब्याज दर को रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है।
येस बैंक के पास पर्याप्त तरलता है यदि जरूरत हुई तो आरबीआई आवश्यकत तरलता उपलब्ध कराएगा।
कृषि कर्ज से संबंधित कर्ज को लक्षित किया जाना चाहिए। दास ने कहा कि इस प्रकार की कर्ज माफी से किसानों को अगली बार कर्ज मिलने में समस्या होती है।
राजकोषीय घाटा सरकार के आय और व्यय के अंतर को बताता है। इसका मतलब है कि सरकार के पास जो साधन हैं, वह उससे अधिक खर्च कर रही है।
PMC बैंक में 4,335 करोड़ रुपए की अनियमितताएं सामने आने के बाद आरबीआई ने निकासी की सीमा तय करने समेत अन्य प्रतिबंध लगाए थे।
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