बुधवार को सुबह 9:08 बजे एमसीएक्स पर सोने का भाव 401 रुपये (0.34%) बढ़कर ₹1,20,047 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी 989 रुपये (0.69%) की तेजी के साथ 1,45,331 रुपये प्रति किलो के दाम पर कारोबार कर रही थी।
Silver Gold Rates: सर्राफा व्यापारियों ने कहा कि अमेरिका और चीन से लंदन में चांदी के बड़े प्रवाह ने फिलहाल कीमतों को कम करने में मदद की है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी बृहस्पतिवार को 54.49 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी, लेकिन शुक्रवार को ये 4.36 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 51.90 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई।
आज धनतेरस के शुभ मौके पर सोने का दाम 1.35 लाख रुपये से करीब 4000 रुपये कम होकर 1.31 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे आया है।
आज शनिवार, 18 अक्टूबर को 24 कैरेट सोने की कीमत ₹13,278 प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोने की कीमत ₹12,171 प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोने की कीमत ₹9,959 प्रति ग्राम है।
गोल्ड या सिल्वर की ज्यूलरी खरीदने पर आपको 3 प्रतिशत जीएसटी के साथ भारी-भरकम मेकिंग चार्ज चुकाना होता है।
शुक्रवार को दिल्ली के सर्राफा बाजार में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 3,200 रुपये बढ़कर 1,34,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। जबकि, चांदी की कीमतें 7000 रुपये की गिरावट के साथ 1,77,000 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई।
कमजोर डॉलर, लगातार भू-राजनीतिक और आर्थिक चिंताओं तथा अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के बीच सोने के लिए मजबूत निवेशक मांग के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतें एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं।
निवेशक एक सुरक्षित ठिकाने (सेफ हेवन) के रूप में सोने की ओर जा रहे हैं। सोने और चांदी की कीमत इस साल लगातार अपने ही नए रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। माना जा रहा है कि बढ़ोतरी का रुझान अभी जारी रहेगा।
ज्वेलरों और खुदरा विक्रेताओं द्वारा लगातार खरीदारी और भारतीय रुपया के लगातार कमजोर होने की वजह से आयातित सोने की लागत बढ़ गई। इससे कीमतें भी लगातार तेज हो गई हैं।
सोने को लेकर जानकार कहते हैं कि भू-राजनीतिक तनाव और निवेशकों से सुरक्षित निवेश की निरंतर बढ़ती मांग सोने के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखे हुए हैं। चांदी की कीमत में अभी तेजी का रुझान रह सकता है।
सोने ने साल 2025 में कीमतों के कई नए रिकॉर्ड लगातार बनाए जा रहा है। सोने की कीमतों में वृद्धि मंगलवार को तब हुई, जब स्पॉट गोल्ड 4,000 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण मील के पत्थर के करीब पहुंच गया।
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को चांदी की कीमतें 500 रुपये की गिरावट के साथ 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई।
वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता और जोखिम के बीच क्लीन एनर्जी/सोलर/ईवी सेक्टर में मांग मजबूत बनी हुई है। ऐसे में कुछ सावधानियों के साथ जोखिम क्षमता के आधार पर चांदी अब भी निवेश के लिहाज से अच्छी स्थिति में है।
चांदी को निवेश और औद्योगिक मांग, भू-राजनीतिक तनाव और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक नीति में ढील की उम्मीदों के मिश्रण से लाभ हुआ है।
वैश्विक बाजारों में भी सोने की कीमतों में कमजोरी देखी गई। पिछले कुछ सत्रों में सोने में जबरदस्त तेजी देखी गई थी। गुरुवार को इसमें गिरावट मुख्य रूप से मुनाफावसूली के चलते आई।
सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए सावधानी और रणनीति से जुड़े फैसलों का संकेत है। आने वाले दिनों में ब्याज दरों पर फेड की नीति, डॉलर की स्थिति और वैश्विक व्यापार तनाव कीमतों की दिशा तय करेंगे।
एक तरफ सोने की कीमतों में सुस्ती है, तो दूसरी तरफ चांदी ने निवेशकों को आकर्षित किया है। अब सबकी निगाहें जैक्सन होल सम्मेलन पर टिकी हैं, जो कीमती धातुओं की अगली चाल तय कर सकता है।
सोने और चांदी दोनों की कीमतों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारकों की वजह से तेज उछाल देखा गया है। निवेशकों को आने वाले वैश्विक संकेतकों और फेड की नीति पर खास नजर रखनी चाहिए।
शुक्रवार तक पांच सत्रों में सोने की कीमतों में 5,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक की वृद्धि हुई थी।
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