Thursday, March 28, 2024
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Ashok Gehlot ने वकीलों की ज्यादा फीस पर जताई चिंता, जजों पर कहा- फेस वैल्यू पर फैसला सुनाएंगे तो आदमी कहां जाएगा

NALS का राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार को जयपुर में हुआ जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के वकीलों की महंगी फीस के मुद्दे पर चर्चा हुई।

IANS Reported By: IANS
Published on: July 16, 2022 23:39 IST
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Image Source : PTI FILE Chief Justice of India NV Ramana, Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot, Union Law & Justice Minister Kiren Rijiju during the 18th All India Legal Services Authorities Meet.

Highlights

  • गहलोत और रिजिजू ने एक स्वर में वकीलों की महंगी फीस पर चिंता जताई।
  • अशोक गहलोत ने कहा कि वकीलों के फीस की सीमा तय करने की जरूरत है।
  • रिजिजू ने कहा कि कोई अदालत केवल रसूख वाले लोगों के लिए नहीं होनी चाहिए।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट्स के वकीलों की ‘बहुत ज्यादा’ फीस पर चिंता जताई। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कई जज फेस वेल्यू को देखते हुए अपना फैसला सुनाते हैं। गहलोत ने यह बात राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority) के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही, जिसमें भारत के चीफ जस्टिस एन.वी. रमण भी मौजूद थे।

रिजिजू ने किया गहलोत का समर्थन

खास बात यह है कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गहलोत का समर्थन किया और कहा, ‘जो अमीर हैं, उन्हें पैसे देकर अच्छे वकील मिलते हैं। आज सुप्रीम कोर्ट में कई वकील हैं जिन्हें आम आदमी अफॉर्ड नहीं कर सकता।’ NALS का राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार को जयपुर में हुआ जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के वकीलों की महंगी फीस के मुद्दे पर चर्चा हुई। गहलोत और रिजिजू ने एक स्वर में वकीलों की महंगी फीस पर चिंता जताई।

‘गरीब आदमी सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकता’
जयपुर एग्जिबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (JECC) में शनिवार को मौजूद CJI और देशभर के हाईकोर्ट के जजों की मौजूदगी में गहलोत ने मोटी फीस को लेकर वकीलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘गरीब आदमी आज सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकता। इसे कौन ठीक कर सकता है? यह समझ से परे है। फीस की सीमा तय करने की जरूरत है। 1 करोड़, 80 लाख, 50 लाख..पता नहीं देश में क्या हो रहा है। मैंने एक बार यह मुद्दा उठाया था। इस स्थिति के बारे में भी सोचें। एक समिति बनाएं। कोई रास्ता होना चाहिए।’

‘आम आदमी कहां से महंगे वकील करेगा’
गहलोत ने कहा, ‘अगर जज भी फेस वेल्यू देखकर अपना फैसला सुनाते हैं, तो आदमी क्या करेगा? अगर ऐसा कोई विशेष व्यक्ति एक वकील को खड़ा करता है, तो जज प्रभावित होंगे। अगर ऐसा है तो आपको भी यह समझना होगा। संविधान की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है।’ वहीं, किरेन रिजिजू ने कहा, ‘अगर एक वकील हर मामले में सुनवाई के लिए 10 से 15 लाख रुपये लेता है, तो आम आदमी को वह कहां से मिलेगा। कोई अदालत केवल रसूख वाले लोगों के लिए नहीं होनी चाहिए। न्याय का द्वार हमेशा सबके लिए समान रूप से खुला होना चाहिए।’

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