Sunday, April 28, 2024
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Kanya Pujan 2023: क्यों करते हैं कन्या पूजन के साथ बटुक भैरव रूप में बालकों की पूजा? जानें इसके पीछे की वजह

नवरात्रि की अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। बाल कन्याओं के पूजन के साथ बटुक भैरव की पूजा भी होती है। मान्यता अनुसार देवी मां की पूजा से पहले बटुक भैरव के दर्शन होते हैं जरूरी।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Published on: October 22, 2023 12:09 IST
Kanya Pujan 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Kanya Pujan 2023

Kanya Pujan 2023: शारदीय नवरात्रि के पर्व में सभी प्रकार से देवी भक्त माता रानी की नौ दिनों तक पूजा करते हैं। नवरात्रि का अब समापन होने वाला है। नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि में सबसे महत्वपूर्ण पूजा का दिन कन्या पूजन को माना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजन में नौ छोटी कन्याओं को मां भगवती के नौ स्वरूपों के समान मान कर उनकी पूजा की जाती है।

देवी मां के कुछ भक्त कन्या पूजन नवरात्रि की अष्टमी और कुछ नवमी के दिन करते हैं। कन्या पूजन में मां देवी के नौ स्वरूपों को मान कर जहां नौ कन्याएं पूजी जाती हैं। वहीं इस पूजा में छोटे बालक को भी पूजा जाता है। अइये जानते हैं क्यों कन्या पूजन में बालक रूप में बटुक भैरव की पूजा होती है।

कन्या पूजन में बटुक भैरव की पूजा

मान्यता अनुसार देवी मां की पूजा बटुक भैरव की पूजा के बिना अधूरी है। कन्या पूजन में कन्याओं के साथ एक बालक की पूजा करना जरूरी माना जाता है। पूजा में बालक को बटुक भैरव का रूप माना जाता है। बाबा भैरव नाथ का सौम्य रूप बटुक भैरव का माना जाता है। देवी मां के जितने शक्तिपीठ हैं और जितने प्रसिद्ध मंदिर हैं। वहां द्वार में प्रवेश करते ही भैरव नाथ के मंदिर स्थापित हैं। हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार भैरव नाथ मां देवी के शक्तिपीठों की रक्षा करते हैं और उनके दर्शन किए बिना देवी मां के दर्शन पूर्ण नहीं माने जाते। इस लिए कन्या पूजन के दौरान बालक को बटुक भैरव के रूप में पूजा जाता है। जिससे उन पर मां देवी की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहे।

कन्या पूजन में छोटी कन्याओं की पूजा करें

देवी मां को प्रसन्न करने और उनकी विदाई के समय उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देवी भक्त कन्या पूजन करते हैं। कन्या पूजन में नौ छोटी कन्याओं की पूजा होती है। शास्त्रों के अनुसार कन्या पूजन में दो वर्ष से लेकर दस वर्ष तक की छोटी कन्याओं को पूजने का विधान है। देवी मां के रूप में लोग एक से नौ संख्या में छोटी कन्याओं की पूजा करते हैं। उनको भोजन कराते हैं और श्रद्धा अनुसार उन्हें दक्षणा भेंट करते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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