Wednesday, May 08, 2024
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Papankusha Ekadashi 2023: इस तरह रखें पापांकुशा एकादशी का व्रत, भगवान विष्णु होंगे प्रसन्न, जानें लें मंत्र से लेकर पूजा विधि

आज पापंकुशा एकादशी है। भगवान विष्णु की सबसे प्रिय तिथि पर उनका आशीर्वाद पाने का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। आइये जानते हैं पापंकुशा एकादशी का व्रत किस तरह रखें और क्या है व्रत रखने की सही विधि।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Aditya Mehrotra Updated on: October 25, 2023 8:51 IST
Papankusha Ekadashi 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Papankusha Ekadashi 2023

Papankusha Ekadashi 2023: आज पापांकुशा एकादशी है। हर एकादशी अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण होती है। आश्विन शुक्ल पक्ष की ये एकादशी सबका कल्याण करने वाली बतायी गयी है। आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। मान्यता अनुसार आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत करने से जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही मनचाही इच्छाओं की पूर्ति होती है, घर में पैसों की बढ़ोतरी होती है, वैवाहिक जीवन सुखद बनता है, सभी कामों में सफलता मिलती है, बच्चों की तरक्की सुनिश्चित होती है और बिजनेस में वृद्धि होती है। अत: आज के दिन किस प्रकार आपको भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और विभिन्न शुभ फलों की प्राप्ति के लिए कौन-से खास उपाय करने चाहिए,  यह सभी बातें आज जानते हैं आचार्य इंदू प्रकाश से।

पांपकुशा एकादशी के दिन करें भगवान विष्णु की पूजा

अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में कभी पैसों की तंगी न हो और आपके घर के भंडार हमेशा भरे रहें, तो आज के दिन शाम के समय आप विष्णु जी के सामने घी का दीपक जलाएं। साथ ही भगवान को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं और

भोग लगाने के कुछ देर बाद उन लड्डूओं को प्रसाद के रूप में सबको बांट दें और थोड़ा-सा प्रसाद स्वयं भी ग्रहण कर लें।

एकादशी व्रत रखने के नियम

एकादशी के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करें उसके बाद स्वच्छ वस्त्र पहन कर आचमन करें और व्रत रखने का संकल्प लें। व्रत का संकल्प लेने के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का जाप करें और एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को व्रत का पारण ( व्रत खोलने का समय) करें। एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी दल चढ़ाएं ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा आपको शीघ्र प्राप्त होगी।  

भगवान  विष्णु जी की स्तुति

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥

भगवान विष्णु के मंत्र

  1. ॐ नमोः नारायणाय नमः।
  2. ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः
  3. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥
  4. ॐ विष्णवे नम:

पांपकुशा एकादशी व्रत का महत्व

भगवान विष्णु की सबसे प्रिय तिथि एकादशी है। शास्त्रों में यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि जो भी विष्णु भक्त एकादशी का व्रत नियम पूर्वक रखते हैं। उनके सभी कष्ट जीवन के धीरे-धीरे मिट जाते हैं। पांपकुशा एकादशी के दिन जो भी नियमित रूप से भगवान विष्णु के प्रति भक्ति भाव से व्रत रखता है एवं व्रत के नियमों का विधि पूर्वक पालन करता है उसके कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं और अंत में उसे बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु उन भक्तों से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं जो एकादशी का व्रत सच्चे मन से रखते हैं।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।

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