
प्रेमानंद महाराज जी की शिक्षाएं आज समाज में जागरुकता फैला रही हैं। उनका आध्यात्मिक ज्ञान कलयुग में प्रकाश के समान हैं। व्यक्तित्व में सुधार के साथ ही प्रेमानंद जी सुखद जीवन जीने की शैली भी हमें सिखाते हैं। इसके साथ ही कैसे आप जीवन की विपदाओं से बच सकते हैं इसके बारे में भी महाराज ज्ञान देते हैं। इसी तरह अपने एक उपदेश के दौरान उन्होंने दुर्घटनाओं से खुद को बचाने के लिए कुछ जरूरी बातें कही हैं।
प्रेमानंद महाराज ने एक कथा के दौरान दुर्घटना व अकाल मृत्यु के भय को दूर करने के लिए कुछ आसान से उपाय बताए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी व्यक्ति ने अगर इन उपायों को अपना लिया तो उसका कभी अमंगल नहीं होगा।
प्रेमानंद ने बताए ये 5 उपाय
- रोज ठाकुर जी के चरणामृत पियो, समस्त रोगों का नाश चरणामृत है।
- घर से निकलने से पहले कम से कम 11 बार इस मंत्र का जप करें- ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:।। इसके जप से कभी आपका एक्सीडेंट नहीं होगा। कभी आप दुर्घटना में नहीं फंसेगे और फंसेंगे को आसानी से निकल आएंगे।
- इसके अलावा, 24 घंटे में 20 मिनट निकालो और भगवान के नाम का जप करो। प्रभु का नाम संकीर्तन करो।
- अपने घर में विराजमान ठाकुर जी को रोजाना 11 बार साष्टांग दंडवत प्रणाम करो। कहते हैं कि कृष्ण को जो प्रणाम करता है उसका पुनर्जन्म नहीं होता।
- वृंदावन की रज ले लो और उसे अपने सिर पर स्थान दो। फिर आपकी रक्षा स्वंय कृष्ण करेंगे और आपका जीवन मंगलमय होगा।
कौन हैं प्रेमानंद महाराज?
प्रेमानंद महाराज आधुनिक समाज के उन चुनिंदा गुरुओं में से एक हैं जिनके ज्ञान को हर तबके के लोग ग्रहण कर रहे हैं। महाराज वृंदावन में निवास करते हैं और हजारों की संख्या में भक्त उनके दरबार में माथा टिकाने आते हैं। उनका आध्यात्मिक ज्ञान और सरल स्वभाव हर किसी को मोहित कर देता है। राधा रानी के परम भक्त प्रेमानंद जी की बातों को आत्मसात करके आप भी अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आ सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)